गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदा नगर क्षेत्र में दैवीय आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य के दूसरे दिन एक चमत्कारिक घटना सामने आई। मलबे में दबा एक व्यक्ति लगभग 18 घंटे बाद जीवित निकला, लेकिन उसकी पत्नी और उसके दो बेटों के शव मिले हैं। यहां लापता दस लोगों में अब तक सात लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। अभी लापता दो लोगों की खोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
नंदानगर के कुंतरी लगा फाली, सैंती और धुर्मा में गुरूवार की तड़के तीन बजे आसमान से बरसी आफत के साथ आए मलबे में दबकर दस लोग लापता हो गए थे। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा स्थानीय लोगों ने कड़ी मेहनत कर सात लोगों शव के बरामद कर लिए है। इसी मलबे से एक व्यक्ति जीवित निकला है। इस व्यक्ति की पहचान कुंवर सिंह के रूप में हुई है। बरामद सात शवों में कुंवर सिंह की पत्नी कांता देवी और दो पुत्र विकास और विशाल शामिल हैं। अन्य लापता जिन चार लोगों के आज शव बरामद हुए है। उनमें नरेन्द्र सिंह, जगदम्बा प्रसाद और उनकी पत्नी भागा देवी, देवेश्वरी देवी शामिल हैं। सरपाणी के कुंवर सिंह को मलबे से जीवित निकालने के बाद इलाज के लिए हायर सेंटर भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार धुर्मा के गुमान सिंह और ममता देवी अभी भी लापता हैं। जिनकी खोजबीन जारी है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने एक बार फिर कहर बरपा दिया है। गुरूवार मध्य रात्रि किन्नौर जिले के प्रवेश द्वार तरंडा पंचायत के थाच गांव के ऊपर कंडे में बादल फट गया। इससे चार नालों में अचानक आई भीषण बाढ़ ने गांव में तबाही मचा दी। खेत और बगीचे बह गए, दो गाड़ियां चपेट में आ गईं और कई लोग जान बचाकर घर छोड़ जंगलों की ओर भागे। दो लोगों की गाड़ियां बाढ़ में बह गईं। थाच गांव के मस्तान की कंडे में दोगरी (कच्चा मकान) और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि दर्जनों लोगों के बागीचे पूरी तरह बर्बाद हो गए।
गांव के आसपास चार नालों में आई बाढ़ से तीन लोगों के घर भी ढहने के कगार पर हैं। बादल फटने से निकला मलबा एनएच-5 पर आ गया और निगुलसरी के पास नेशनल हाईवे पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। यही नहीं, शिमला शहर में भी भारी भूस्खलन से हालात बिगड़ गए हैं। कार्टरोड क्षेत्र में प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल के सामने हिमलैंड में बड़ा लैंडस्लाइड हुआ।
प्रशासन ने बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल को दो दिनों (19 व 20 सितम्बर) के लिए बंद कर दिया है। आसपास का बहुमंजिला भवन भी खतरे की जद में आ गया है। भूस्खलन से मुख्य सड़क बंद हो गई है और वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जा रहा है। तीन दिन पहले भी हिमलैंड क्षेत्र में बड़ा भूस्खलन हुआ था।
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