गुवाहाटी । मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने प्रसिद्ध कवयित्री, गीतकार, बाल-साहित्यकार और लोक-संस्कृति की गहन शोधकर्ता स्व. निर्मलप्रभा बरदलै को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका कालजयी साहित्यिक योगदान असमिया भाषा और संस्कृति को सजीव बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “नीला बाइदेउ द्वारा रचित अर्थपूर्ण गीतों में हम अपने बचपन और किशोरावस्था की अनेक यादें ढूंढ़ सकते हैं। उनके जीवन की प्रेरणा न केवल असम के साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत को जीवंत बनाए रखेगी, बल्कि नई पीढ़ी को भी उनकी रचनाओं पर चर्चा करने हेतु प्रेरित करेगी।”
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि निर्मलप्रभा बरदलै की साहित्य साधना असम के सांस्कृतिक आत्मा को सुदृढ़ करती है और उनके कार्यों से आज भी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।
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