भीलवाड़ा में मॉक ड्रिल के तहत रात 8:15 बजे से 8:30 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान पूरे भीलवाड़ा शहर की लाइटें बंद कर दी गईं। चेतक एक्सप्रेस ट्रेन 23 मिनट तक रेलवे स्टेशन पर रुकी रही। शहर में वाहनों की आवाजाही तो हुई, लेकिन बहुत कम संख्या में और उनकी हेडलाइट भी बहुत कम थी। इस दौरान आम जनता ने भी अपने घरों और दुकानों की लाइटें बंद करके ब्लैकआउट में सहयोग किया।
8:15 बजते ही ब्लैकआउट
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत संधू ने एक दिन पहले ही आम जनता से ब्लैकआउट का हिस्सा बनने की अपील की थी। इसके तहत आज सुबह 8:15 बजे से ठीक पहले शहर में अलार्म बजाए गए और पुलिस वाहनों के जरिए आम जनता को ब्लैकआउट और लाइटें बंद करने की जानकारी दी गई। ठीक 8:15 बजे बिजली बंद कर दी गई। शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं और ब्लैकआउट कर दिया गया। इस दौरान व्यापारियों ने भी अपने घरों व दुकानों की लाइटें बंद कर ब्लैकआउट में सहयोग किया।
रेलवे स्टेशन पर 23 मिनट रुकी रही चेतक एक्सप्रेस
ब्लैकआउट का असर पूरे शहर में देखने को मिला। शहर का मुख्य बाजार हो या गलियों में दुकानें या फिर रिहायशी इलाके, लोगों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए इनवर्टर से चल रही लाइटें बंद कर ब्लैकआउट किया। चेतक एक्सप्रेस ट्रेन 8:10 बजे रेलवे स्टेशन पहुंची और यात्रियों को उतारने के बाद ब्लैकआउट के कारण 23 मिनट रुकी रही और 8:33 बजे रवाना हुई।
सड़क किनारे खड़े रहे दो पहिया व चार पहिया वाहन
बंद के दौरान शहर के कई चौराहों पर लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। लोगों ने अपने दो पहिया व चार पहिया वाहन भी सड़क किनारे खड़े कर दिए और हेडलाइटें बंद कर दी। इस दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर भीलवाड़ा शहर सहित पूरे जिले में 8:15 से 8:30 बजे तक शटडाउन लिया गया।
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