शहर की क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बेशकीमती जमीन हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने दो स्टांप वेंडरों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 40 साल पुराने स्टांप पेपर, फर्जी स्टांप टिकट, मृतक नोटेरी पब्लिक की नकली सील और फर्जी दस्तावेजों का जखीरा बरामद हुआ है।
क्या है पूरा मामला?पुलिस को सूचना मिली थी कि अजमेर में कुछ लोग पुराने दस्तावेजों के आधार पर प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह कर जमीन हड़पने की साजिश कर रहे हैं। जब मामले की गहराई से जांच की गई, तो खुलासा हुआ कि एक संगठित गिरोह लंबे समय से यह काम कर रहा था।
गिरोह के सदस्य 40 साल पुराने स्टांप पेपर और कलर फोटो स्टेट से बनाए गए फर्जी दस्तावेजों के जरिए संपत्तियों के मालिकाना हक में हेरफेर कर रहे थे। इसमें कई मृतकों के नाम का इस्तेमाल किया गया और यहां तक कि मृत नोटेरी पब्लिक की सील भी बनाई गई थी ताकि दस्तावेज असली प्रतीत हों।
पुलिस की कार्रवाईक्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने इस मामले में दो स्टांप वेंडरों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि वे पिछले कुछ समय से इस काम में लगे हुए थे। पुलिस ने इनके कब्जे से:
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40 साल पुराने स्टांप पेपर
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फर्जी स्टांप टिकट
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कलर फोटो स्टेट से तैयार किए गए दस्तावेज
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मृत नोटरी की नकली सीलें
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कई जाली हस्ताक्षर और नकली पहचान पत्र
जप्त किए हैं।
पुलिस अधिकारी का बयानथानाधिकारी का कहना है—
"यह एक बड़ा जालसाजी रैकेट है, जिसमें जमीन के असली मालिकों को धोखा देकर उनकी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी। हम मामले की तह तक जा रहे हैं और कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।"
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