देश के सबसे चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' 11 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है। इधर, इस फिल्म को रिलीज़ से पहले ही प्रतिबंधित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। अब इस मामले में कन्हैयालाल के बेटे यश तेली का बयान सामने आया है।यश ने कहा कि यह फिल्म किसी धर्म या समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ है। 18 जून 2022 को मेरे पिता की हत्या पर आधारित यह फिल्म मेरे पिता के साथ हुई हर घटना को दिखाती है। कैसे उनकी हत्या हुई। कुछ पाकिस्तानी और भारत में उनसे जुड़े लोग उनके खिलाफ आतंकी साजिश में शामिल थे। यह फिल्म दिखाती है कि आतंकवाद की जड़ें यहाँ कैसे काम करती हैं।
फिल्म 2 दिन बाद 11 जुलाई को रिलीज़ होगी
यश तेली ने कहा कि मुझे नहीं पता कि याचिका दायर होने के बाद आगे क्या होगा। मुझे लगता है कि पूरे देश को यह फिल्म देखनी चाहिए और जानना चाहिए कि तीन साल पहले हमारे परिवार के साथ क्या हुआ था। यह फिल्म इसी महीने 11 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है। मैं फिल्म के माध्यम से लोगों से अपील करना चाहता हूँ कि न्याय की इस लड़ाई में हमारा साथ दें। तीन साल पहले हुई इस जघन्य घटना के दोषियों को अभी तक फांसी नहीं हुई है। हम लंबे समय से फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह भी नहीं हुआ।
सांप्रदायिक द्वेष की आशंका जताते हुए याचिका दायर
यह याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के प्रधानाचार्य मौलाना अरशद मदनी ने दायर की है। मदनी ने याचिका में दावा किया है कि 26 जून, 2025 को रिलीज़ होने वाली फिल्म का एक ट्रेलर ऐसे संवादों और घटनाओं से भरा है, जिनकी वजह से 2022 में सांप्रदायिक द्वेष पैदा हुआ और इसमें फिर से वही सांप्रदायिक भावनाएँ भड़काने की पूरी संभावना है।
तीन साल से बेटे ने चप्पल-जूते नहीं पहने, न ही बाल कटवाए
कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश तेली अपने पिता की मृत्यु के तीन साल बाद भी अपनी तीन प्रतिज्ञाओं पर अडिग हैं। पहली यह कि उन्होंने अपने पिता की अस्थियों का विसर्जन नहीं किया है। दूसरा, वह तीन साल से बिना जूते-चप्पल के नंगे पैर रह रहे हैं। साथ ही, उन्होंने तीन साल से अपने बाल भी नहीं कटवाए हैं। यश का कहना है कि जब तक उनके पिता के हत्यारों को फांसी नहीं हो जाती, वह इन तीन प्रतिज्ञाओं को नहीं तोड़ेंगे।
कन्हैयालाल की दुकान में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी
बता दें कि 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने कन्हैयालाल की गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी थी। कन्हैयालाल की हत्या के मामले में एनआईए ने मुख्य आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी समेत 11 आरोपियों मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बबला, मोहम्मद जावेद, मुस्लिम मोहम्मद के खिलाफ चालान पेश कर उन्हें फरार घोषित किया था। एनआईए की विशेष अदालत ने 9 फरवरी 2023 को हत्या, आतंकवादी गतिविधियों, आपराधिक षडयंत्र समेत गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और आर्म्स एक्ट के तहत संज्ञान लिया था।
11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश
28 जून को हुई घटना के बाद, राजस्थान पुलिस ने मुख्य आरोपी रियाज़ अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजसमंद ज़िले से गिरफ्तार किया। 29 जून 2022 को एनआईए ने जाँच अपने हाथ में ली और इसे आतंकवादी घटना मानते हुए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। एनआईए ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इनमें मोहम्मद जावेद, फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला, मोहसिन, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसील अली और मुस्लिम मोहम्मद शामिल हैं। दो अन्य आरोपी सलमान और अबू इब्राहिम पाकिस्तान के कराची के बताए गए हैं। जो फरार हैं। 22 दिसंबर 2022 को एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें हत्या, आपराधिक साजिश, धार्मिक भावनाएं भड़काने और यूएपीए के तहत आरोप शामिल हैं।
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