राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में भिवाड़ी की जलनिकासी और यमुना जल बंटवारे जैसे लंबित मुद्दों पर अहम सहमति बनी। दोनों राज्यों ने आपसी समन्वय के जरिए इन समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाने का निर्णय लिया है।
दोनों ने स्थायी समाधान पर जोर दिया
आपको बता दें कि भिवाड़ी की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि वहां बारिश का पानी स्वाभाविक रूप से हरियाणा की ओर बह जाता है। मानसून के दौरान जलनिकासी में बाधा आने के कारण भिवाड़ी के उद्योगों और आवासीय क्षेत्रों में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। बातचीत के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे के समाधान के लिए तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर स्थायी समाधान के लिए सहयोग पर जोर दिया। राजस्थान सरकार ने भिवाड़ी के औद्योगिक पानी को पूरी तरह से शुद्ध करने की व्यवस्था की है। अब केवल शुद्ध पानी का निकास सुनिश्चित किया जाएगा, जिसकी सख्त निगरानी भी की जाएगी।
दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक चर्चा हुई
दोनों नेताओं के बीच यमुना जल बंटवारे के मुद्दे पर भी सकारात्मक चर्चा हुई। इस ऐतिहासिक समझौते को लागू करने के लिए दोनों राज्य मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेंगे। साथ ही, इस महीने के अंत तक पाइपलाइन के लिए ग्राउंड अलाइनमेंट सर्वे भी शुरू कर दिया जाएगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समझौता दोनों राज्यों के बीच वर्षों से चली आ रही जल संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
गौरतलब है कि भिवाड़ी में ड्रेनेज की समस्या लंबे समय से उद्योगों और स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई थी। राजस्थान सरकार पहले ही इस दिशा में कई कदम उठा चुकी है, जिसमें औद्योगिक पानी को शुद्ध करने की व्यवस्था भी शामिल है। हरियाणा के सहयोग से इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाएगा।
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