रामजल सेतु जल परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के नवनेरा बांध डूब क्षेत्र में कालीसिंध नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है। अब राजस्थान व मध्यप्रदेश में बारिश के दौरान भी यातायात सुचारू रहेगा। इससे पहले हर बार बारिश में पुल डूब जाने से दोनों राज्यों के बीच संपर्क कट जाता था। इससे लोगों को परेशानी होती थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कोटा जिले के बड़ौद में कालीसिंध नदी पर बड़ौद-चंबल-ढीपरी के बीच 91.91 करोड़ की लागत से बने उच्च स्तरीय पुल का लोकार्पण किया।
बिरला ने कहा कि इस पुल से न केवल बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी, बल्कि इससे क्षेत्र के विकास को भी नया आयाम मिलेगा। बारिश के मौसम में भी संपर्क बाधित नहीं होगा और दर्जनों गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। विभिन्न योजनाओं के तहत चंबल नदी का पानी खेतों के अंतिम छोर तक पहुंचेगा, जिससे 4 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इससे न केवल खेती मजबूत होगी, बल्कि किसान परंपरागत फसलों से हटकर बागवानी और फल उत्पादन की ओर भी अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि वर्षों से उपेक्षित इन क्षेत्रों में अब हर गांव को मजबूत सड़कों से जोड़ा जा रहा है। क्षेत्र में 57 करोड़ रुपए की लागत से सुल्तानपुर से नीमोदा-उजड़ तक सीमेंटेड सड़क स्वीकृत की गई है, वहीं मंडावर से रोटेदा तक वर्षों पुराने प्रोजेक्ट को वन्यजीव मंजूरी मिलने के बाद गति मिली है।
105 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की दी सौगात
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सुल्तानपुर क्षेत्र के बूढ़ादीत-बड़ौद में कालीसिंध नदी पर बने उच्च स्तरीय पुल सहित 105 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें उच्च स्तरीय पुल, सीमेंटेड सड़कें, कक्षा-कक्ष और ग्रामीण आधारभूत संरचना शामिल हैं। बिरला ने कहा कि इस क्षेत्र में ओलावृष्टि से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3000 मकान स्वीकृत किए गए हैं। मैंने वह दर्द देखा है, इसलिए हमने उन टूटे सपनों को फिर से बनाने का संकल्प लिया है। यह पहली बार है कि किसी प्राकृतिक आपदा के बाद केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए मानवीय आधार पर यह फैसला लिया है। बचे हुए वंचित परिवारों की भी सूची तैयार की जा रही है।
एक्सप्रेस-वे से बदलेगी स्थिति
बिरला ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद क्षेत्र के किसान अब सिर्फ अन्न उत्पादक नहीं रहेंगे, बल्कि स्मार्ट उत्पादक बनेंगे। दिल्ली और मुंबई के बाजारों में 4-7 घंटे में फल और सब्जियां पहुंचाने के लिए कोल्ड स्टोरेज, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां और लॉजिस्टिक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। क्षेत्र को दिल्ली-उज्जैन-पाटन से जोड़ने वाले मार्गों पर भी काम चल रहा है, जिससे व्यापारिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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