अजमेर की क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेशकीमती जमीन हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर 2 स्टाम्प विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से करीब 40 साल पुराने स्टाम्प पेपर, कलर फोटो स्टेट से तैयार किए गए फर्जी स्टाम्प, मृतक नोटरी पब्लिक की फर्जी सील और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह बेशकीमती मकानों और जमीनों पर काबिज लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें यह बताकर परेशान करता था कि उनके पूर्वजों ने उन्हें यह संपत्ति बेची है।
फर्जी दस्तावेजों के जरिए कानूनी प्रक्रियाओं में उलझाकर सस्ते दामों पर मकान और जमीन खरीद लेता था। पुलिस गिरोह के नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पता लगा रही है। गौरतलब है कि आनासागर चौपाटी के पास एनसीसी ऑफिस के सामने 2 बुजुर्ग बहनों की बेशकीमती संपत्ति हड़पने के प्रयास और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में गिरफ्तार आरोपी अब्दुल आदिल शेख ने पुलिस रिमांड के दौरान इस गिरोह के नेटवर्क के बारे में राज उगले हैं। इसके बयान के आधार पर पुलिस ने स्टाम्प विक्रेता संजय बिजावत और गजेंद्र बिजावत को गिरफ्तार किया है। एफएसएल जांच में दस्तावेज फर्जी पाए गए
एनसीसी नेवल ऑफिस के सामने शारदा मार्ग निवासी चंद्रसेन जैन की पुत्रियों कुमकुम जैन व रमारानी जैन ने अक्टूबर 2023 में दर्ज एफआईआर में बताया था कि एनसीसी नेवल ऑफिस के सामने उनकी निजी संपत्ति पर उनके पिता चंद्रसेन जैन की मृत्यु के बाद 4 भाई-बहन सुधींद्र अनिल, रमा व कुमकुम का वारिसाना हक है। इस संपत्ति पर 62 वर्षों से परिवार का स्वामित्व व विवाद मुक्त कब्जा है। पता चला है कि अल्लारक्खा बिल्डिंग केसरगंज निवासी आदिल शेष व योगेश चांडक ने इस संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बाजार में जमीन कारोबारियों से डील शुरू कर दी है। आरोपी इस संपत्ति को हड़पने की साजिश कर रहे हैं।
आरोपी लोगों को बता रहे थे कि दोनों बहनें इस मकान में किराएदार हैं। शिकायत के आधार पर क्रिश्चियनगंज पुलिस ने 3 अक्टूबर 2023 को एफआईआर दर्ज कर जांच की थी। इस मामले में आरोपी आदिल शेख से संपत्ति संबंधी दस्तावेज जब्त कर एफएसएल जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में दस्तावेज फर्जी होने की पुष्टि हुई। इसके बाद आरोपी आदिल फरार हो गया, जिसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था।थाना प्रभारी अरविंद चारण ने बताया कि आरोपी को पिछले दिनों गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर रिमांड पर लिया गया था। रिमांड के दौरान पूछताछ में उसने जमीन व मकान के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का खुलासा किया।
मृतक नोटरी पब्लिक की सील का इस्तेमाल कर तैयार किए जाते थे फर्जी दस्तावेज
गिरफ्तार स्टांप विक्रेता संजय बिजावत दयानंद कॉलोनी रामनगर का रहने वाला है। जबकि गजेंद्र बिजावत कड़क्का चौक का रहने वाला है। आरोपियों के कब्जे से मृतक नोटरी पब्लिक शौकत हुसैन, प्रकाश जैन, अरविंद प्रकाश माथुर व के. सोगानी की नोटरी सील, एक रुपए व दो रुपए के दस साल पुराने स्टांप पेपर, 100 रुपए के पुराने स्टांप पेपर, नए स्टांप पेपर, 5 रुपए के नोटरी स्टांप की 95 रंगीन फोटो प्रतियां व एक रुपए के नोटरी स्टांप की 27 रंगीन प्रतियां, ग्राम पंचायत चौरसियावास व दौराई से संबंधित भूमि विक्रय पत्र व एक टाइपराइटर मशीन बरामद की गई है। आरोपी कीमती सम्पत्तियों व जमीनों के पुराने स्टाम्प पेपरों पर मृतक नोटरी पब्लिक की फर्जी मुहर लगाकर इकरारनामा, वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार करते थे। इसके आधार पर सम्पत्तियों पर काबिज लोगों को कानूनी प्रक्रिया में फंसाकर उनसे सस्ते दामों पर सम्पत्तियां खरीद लेते थे। मामले की जांच में हेड कांस्टेबल कुतराराम व कांस्टेबल करतार सिंह की अहम भूमिका रही।
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