अलवर के शिवाजी पार्क थाना क्षेत्र में रहने वाले 22 वर्षीय युवक अमित सैनी ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। पुलिस से तंग आकर युवक ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में तीन पुलिसकर्मियों समेत 6 लोगों के नाम साफ़-साफ़ लिखे हैं, जिन पर उसने झूठे आरोप में फँसाने, थाने में बंद करने, मारपीट करने और रात भर अपमानित करने का आरोप लगाया है।
"मैंने ज़हर खा लिया है, मुझे बचा लो"
ज़हर खाने के बाद युवक ने अपने पिता से कहा, "इन लोगों (पुलिस) ने मुझे बहुत मारा और अपमानित किया, मैंने ज़हर खा लिया है, मुझे बचा लो।" परिजन उसे तुरंत ज़िला अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही अमित की मौत हो गई। मृतक के पिता लक्ष्मण सैनी के अनुसार, 7 जुलाई को अलवर के सदर थाने के पुलिसकर्मी गुरमीत, मंजीत और फुलसिद ने तीन अन्य लोगों दिनेश राव, अनीश खान और नितिन के साथ मिलकर उसके बेटे को चोरी के झूठे आरोप में पकड़ा था।
थाने में पिटाई का आरोप
पुलिस उसे थाने ले गई और शांति भंग करने के आरोप में बंद कर दिया। वहाँ उसे पूरी रात पीटा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। परिवार ने एक वकील की मदद से उसे थाने से छुड़वा लिया, लेकिन उसका मोबाइल, पर्स और मोटरसाइकिल पुलिस और अन्य लोगों के पास रह गए, और उन्हें वापस न मिलने और थाने में हुई बेइज्जती से वह मानसिक रूप से टूट गया।
अमित की एक साल पहले हुई थी शादी
अमित पहले एक निजी अस्पताल में काम करता था, लेकिन कुछ समय से बेरोजगार था। उसकी एक साल पहले शादी हुई थी। उसके कोई संतान नहीं है। उसके पिता मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। परिवार वालों ने बताया कि अमित के पास मिला सुसाइड नोट दो पन्नों का है, जिसमें सभी आरोपियों के नाम साफ-साफ लिखे हैं। नोट के आखिरी पन्ने पर उसने लिखा, "अब मुझे न्याय दिलाना भगवान भोले के हाथ में है।" शिवाजी पार्क के हेड कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह ने बताया कि मृतक को 151 के तहत हिरासत में ले लिया गया है और अब परिवार की लिखित शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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