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बीसलपुर डेम में खुशखबरी: लबालब होने में सिर्फ 3 कदम दूर है बांध, जलस्तर बढ़ते ही खुल सकते हैं फ्लड गेट, 54 गांवों में अलर्ट

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जयपुर की जीवनरेखा बीसलपुर बांध अब ओवरफ्लो होने से सिर्फ़ 3 सेंटीमीटर दूर है। बांध में जलस्तर पूरी क्षमता पर पहुँचने के बाद, पानी की आवक को देखते हुए बांध के गेट खोलने और पानी की निकासी शुरू करने की तैयारियाँ ज़ोरों पर शुरू हो गई हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार बांध पर नज़र बनाए हुए हैं और पानी से पूरी तरह भर जाने पर गेट खोलने की तैयारी कर रहे हैं।

24 घंटे में 8 सेंटीमीटर बढ़ा जलस्तर

बीसलपुर बांध का जलस्तर पिछले 24 घंटे में 8 सेंटीमीटर बढ़ा है, लेकिन अब त्रिवेणी में पानी का बहाव घटकर 2.90 मीटर रह गया है, जिससे बांध में पानी की आवक भी धीमी हो गई है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ ज़िलों में बारिश का दौर अब धीमा पड़ गया है, जिससे त्रिवेणी में पानी का बहाव भी कम हो रहा है। हालाँकि, अभी मानसून का मौसम बाकी है और ऐसे में इस बार भी बांध का ओवरफ्लो होना तय है। गुरुवार सुबह बांध का जलस्तर 315.47 आरएल मीटर दर्ज किया गया, जो अब पूर्ण जलभराव से मात्र 3 सेंटीमीटर दूर है।

बीसलपुर बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है

निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए थे

बांध 2006 में दूसरी बार ओवरफ्लो हुआ था

तीसरी बार 2014 में गेट खोले गए थे

बांध के गेट 2016 में भी खोले गए थे

बांध के 17 गेट 2019 में खोले गए थे

बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ था

बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ था

54 गांवों में अलर्ट

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल के अनुसार, धीमी बारिश के कारण बीसलपुर बांध में पानी की आवक भी धीमी गति से हो रही है। पिछले 24 घंटों में बांध का जलस्तर 8 सेंटीमीटर बढ़ गया। ओवरफ्लो की आशंका के चलते बांध की निगरानी बढ़ा दी गई है और आसपास के गांवों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। पूर्ण जल भराव क्षमता यानी 315.50 आरएल मीटर तक पहुंचने और पानी की आवक देखने के बाद बांध के गेट खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

तीन जिलों को मिलेगा भरपूर पानी
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस साल जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को बीसलपुर बांध से तय मात्रा से ज्यादा पानी मिलने की संभावना है। बांध मानसून के पहले चरण में ही ओवरफ्लो होने की कगार पर है, इसलिए बांध के ओवरफ्लो होने की स्थिति में ईसरदा बांध में पानी डायवर्ट करने के साथ ही तीनों जिलों को ज्यादा पानी देने की योजना है।

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