भारत ने गुजरात और राजस्थान की पश्चिमी सीमाओं पर अपनी तीनों सेनाओं के साथ एक सैन्य अभ्यास 'त्रिशूल' शुरू किया है.
इस युद्ध अभ्यास में पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा, पाकिस्तान के सिंध प्रांत और भारत के गुजरात राज्य के बीच सर क्रीक क्षेत्र से लेकर अरब सागर का क्षेत्र शामिल है.
रक्षा विशेषज्ञ इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सबसे बड़ा युद्ध अभ्यास बता रहे हैं.
वहीं, पाकिस्तानी नौसेना ने भी रविवार, 2 नवंबर से उत्तरी अरब सागर में नौसैनिक युद्ध अभ्यास शुरू किया है और यह 5 नवंबर तक चलेगा.
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Getty Images पाकिस्तान भी अरब सागर में सैन्य अभ्यास कर रहा है युद्ध अभ्यास और मिसाइल टेस्टिंग पर नज़र रखने वाले अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने एक्स पर पोस्ट किया, "पाकिस्तान ने अब उसी क्षेत्र में फायरिंग अभ्यास के लिए नौसैनिक नौवहन चेतावनी जारी की है, जहां भारत ने अपने तीनों सेनाओं के चल रहे सैन्य अभ्यास के लिए हवाई क्षेत्र आरक्षित कर रखा है."
यह वही क्षेत्र है जहां भारत ने अपनी सेनाओं के संयुक्त अभ्यास के लिए दो हफ़्ते के लिए हवाई क्षेत्र आरक्षित किया है.
दोनों देशों के इस युद्ध अभ्यास के भौगोलिक क्षेत्र की ओवरलैपिंग पर साइमन ने लिखा, "भले ही अभ्यास का भौगोलिक क्षेत्र एक-दूसरे के अभ्यास क्षेत्र में आ रहा है, फिर भी दोनों पक्षों के बीच को-ऑर्डिनेशन से यह सुनिश्चित होगा कि चीज़ें बिना किसी घटना के पेशेवर तरीके से हो जाएं."
पाकिस्तान से बीबीसी संवाददाता रियाज़ सोहेल की रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. ये अभ्यास कराची में शुरू हुए पाकिस्तान इंटरनेशनल मैरीटाइम एक्सपो एंड कॉन्फ़्रेंस (पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुद्री एक्सपो और सम्मेलन) का हिस्सा है.
पाकिस्तानी नौसेना का कहना है कि इस एक्सपो में 44 देशों के 133 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून है कि आसपास के देशों को होने वाले किसी भी अभ्यास के लिए विमानन चेतावनी दी जाती है और इन अभ्यासों की चेतावनी भी जारी की गई है.
पिछले हफ़्ते पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ़ ने क्रीक क्षेत्र में अग्रिम चौकियों का दौरा किया था.
पाकिस्तानी नौसेना के एक प्रवक्ता के मुताबिक़ एडमिरल नवीद अशरफ़ ने ये दौरा ऑपरेशनल तैयारियों और युद्ध क्षमता की समीक्षा के लिए किया था.
इस दौरान, पाकिस्तानी नौसेना के बेड़े में तीन आधुनिक 2400 टीडी होवरक्राफ़्ट (ज़मीन और पानी पर चलने वाले वाहन) भी शामिल किए गए, जिससे पाकिस्तानी नौसेना की क्षमताओं और कई क्षेत्रों में ऑपरेशनल पहुंच में इजाफा हुआ है.
प्रवक्ता के मुताबिक़ पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि सर क्रीक से लेकर जिवानी तक, वे अपनी संप्रभुता और समुद्री सीमाओं के हर इंच की रक्षा करना जानते हैं, और पाकिस्तानी नौसेना की क्षमता समुद्र से लेकर तटों तक उनके अटूट मनोबल की तरह ही मजबूत हैं.
पाकिस्तान ने दो से पांच नवंबर तक होने वाले नौसैनिक अभ्यास के लिए शनिवार को अलर्ट जारी करते हुए कहा, "इस अभ्यास में युद्धपोत हवा में और समुद्र के नीचे लगभग 6,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फ़ायरिंग अभ्यास करेंगे. अभ्यास के दौरान यह क्षेत्र समन्वित निगरानी में रहेगा. जहाजों को अभ्यास क्षेत्र से दूर रहने के लिए सतर्क किया जाता है."
वहीं भारत भी अपनी पश्चिमी सीमाओं पर 'त्रिशूल' नाम का एक सैन्य अभ्यास कर रहा है, जिसमें भारत के गुजरात को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करने वाला सर क्रीक क्षेत्र भी शामिल है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक विवाद
Getty Images भारत और पाकिस्तान सर क्रीक विवाद को द्विपक्षीय मुद्दा बताते हैं और इस विवाद को किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं ले जाना चाहते सर क्रीक क्षेत्र पाकिस्तान के सिंध प्रांत और भारत के गुजरात राज्य के बीच स्थित 96 किलोमीटर लंबी दलदली ज़मीन का इलाक़ा है, जिस पर दोनों ही देशों के अपने-अपने दावे हैं.
पिछले महीने, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया था कि पाकिस्तान सर क्रीक के नज़दीकी इलाकों में सैन्य ढांचे विकसित कर रहा है.
राजनाथ सिंह ने कहा था, "सर क्रीक क्षेत्र में सीमा विवाद को हवा दी जा रही है. भारत ने बातचीत के ज़रिए इस विवाद को सुलझाने की कई कोशिशें की हैं लेकिन पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है, उसकी नीयत साफ़ नहीं हैं. पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह से सर क्रीक से सटे इलाकों में अपनै सैन्य ढांचों का विस्तार किया है, वो उसकी मंशा को दर्शाता है."
राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र में किसी तरह के दुस्साहस की कोशिश की जाती है तो उसका इतना निर्णायक जवाब दिया जाएगा कि 'इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे'.
उनके बयान के संदर्भ में सर क्रीक और अरब सागर में भारतीय सेनाओं के वर्तमान सैन्य अभ्यास को बहुत महत्व दिया जा रहा है.
रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी ने बीबीसी से कहा, "यह अभ्यास गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भी किया जा रहा है, जहां सर क्रीक स्थित है. भारत और पाकिस्तान के दरमियान तक़रीबन 96 किलोमीटर लंबी क्रीक का अभी तक फ़ैसला नहीं हुआ है. यह अभ्यास इस क्षेत्र के बाहरी इलाकों पर भी केंद्रित है."
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना यहां वायु सेना और थल सेना के साथ बड़े पैमाने पर संयुक्त अभ्यास करेगी.
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कई विश्लेषकों और रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पाकिस्तान को यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसकी सेना पूरी तरह तैनात और तैयार है. हालांकि, किसी भी झड़प का कोई संकेत नहीं है, लेकिन यह अभ्यास एक संदेश देने की कोशिश ज़रूर है.
भारत के नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि दक्षिणी सैन्य कमान, पश्चिमी नौसेना कमान और दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं.
उन्होंने बताया था कि इसमें 20 से 25 युद्धपोत, 40 लड़ाकू विमान और दूसरे विमान शामिल हैं.
राहुल बेदी कहते हैं, "यह सैन्य अभ्यास बहुत बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इसमें लगभग 20 हज़ार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं."
इस अभ्यास में न केवल थल सेना शामिल हैं, बल्कि वायु सेना और नौसेना के एडवांस विमान, जैसे रफ़ाल, सुखोई 30, तथा नौसेना के आधुनिक युद्धपोत और पनडुब्बियां भी शामिल हैं."
राहुल बेदी का कहना है, "इस अभ्यास के दो उद्देश्य हैं. पहला, थल सेना, नौसेना और वायु सेना की एक साथ काम करने की क्षमता बढ़ाना और दूसरा, सेना का एक समन्वित नेटवर्क बनाना."
"इसके तहत भारत के हवाई और स्पेस संसाधनों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, यह अभ्यास हर साल किया जाता है, लेकिन इस साल मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह एक बहुत ही एडवांस अभ्यास है."
'ये युद्ध अभ्यास एक रूटीन एक्सरसाइज़ है'
BBC वहीं रक्षा मामलों पर छपने वाली 'फ़ोर्स' मैगज़ीन के संपादक और विश्लेषक प्रवीण साहनी का मानना है कि 'त्रिशूल' हर साल होने वाला एक युद्ध अभ्यास है और भारत में इसका व्यापक प्रचार किया जा रहा है.
वह कहते हैं, "इस सैन्य अभ्यास का सर क्रीक विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. मोदी सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक बहुत शक्तिशाली देश है. इस अभ्यास का यहां व्यापक प्रचार किया जा रहा है. एहतियात के तौर पर पाकिस्तान ने भी यह अभ्यास शुरू कर दिया है."
वह कहते हैं, "लेकिन समझने वाली बात ये है कि इस पूरे क्षेत्र में ईरान भी एक शक्तिशाली देश है, पाकिस्तान भी शक्तिशाली देश है. चीन अपनी शक्ति के साथ ज़िबूती (पूर्वी अफ़्रीका में बसा एक देश) में मौजूद है. अब ख़बर आई है कि रूस ने भी मेडागास्कर (अफ़्रीका के पूर्वी तट पर स्थित एक द्वीपीय देश) में अपना अड्डा बना लिया है. इस क्षेत्र में कुछ भी करने का मतलब युद्ध होगा."
वह कहते हैं, "मोदी सरकार के कार्यकाल में अब तक जितनी भी लड़ाइयां या झड़पें हुई हैं, 2016, 2019 और ऑपरेशन सिंदूर के तहत, वे सभी कश्मीर पर केंद्रित रही हैं, लेकिन अगर आप अंतरराष्ट्रीय समुद्र में कुछ भी करते हैं, तो इसका मतलब है चौतरफ़ा युद्ध."
"भारत अभी इस स्थिति के लिए तैयार नहीं है. उसे काफ़ी तैयारी की ज़रूरत है. पाकिस्तान इस क्षेत्र में अकेला नहीं है. यहां बड़ी शक्तियां बैठी हैं."
उनका कहना है कि यह बस एक रूटीन एक्सरसाइज़ है.
अभ्यास की शुरुआत में पत्रकारों से बात करते हुए, दक्षिण-पश्चिमी सेना के कमांडर लेफ़्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा था, "यह युद्ध अभ्यास जिसे आप देख रहे हैं, न्यू नॉर्मल के तहत तैयार किया गया है. इस न्यू नॉर्मल में अगर हमारे देश पर कभी कोई आतंकवादी हमला होता है, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा."
उन्होंने कहा था, "इसका मतलब है कि हमें लड़ाई के लिए हमेशा तैयार रहना होगा और प्रभावी ढंग से जवाब देने की क्षमता रखनी होगी. इसके तहत कई नई तकनीकें और उपकरण आए हैं. नई क्षमताओं वाले कई नए हथियार आए हैं जिन्हें हमने अपनी सेना में शामिल किया है. तीनों सेनाओं को एक साथ दुश्मन पर हमला करना है, और इसका प्रदर्शन आप यहां इस अभ्यास में देखेंगे."
इस बीच, भारत ने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र, जिसकी सीमा चीन, म्यांमार, भूटान और बांग्लादेश से लगती है, में बड़े पैमाने पर हवाई अभ्यास के लिए शुक्रवार को एक 'नोटिस टू एयरमेन' (एनओटीएएम) अलर्ट भी जारी किया है.
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