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'मेरा चीफ़ फ़ील्ड मार्शल बन गया है, हम जीते हैं'- भारतीय सेना प्रमुख के बयान की चर्चा

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MONEY SHARMA/AFP via Getty Images भारतीय सेना प्रमुख ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की रणनीति को 'शतरंज के खेल जैसा बताया है'

भारत और पाकिस्तान के बीच मई महीने में हुए संघर्ष पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विस्तार से अपनी बात रखी है.

4 अगस्त को आईआईटी मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की लड़ाई में एक नया अध्याय" विषय पर संबोधन दिया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि इस साल 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने किस तरह जवाबी कार्रवाई की रणनीति तैयार की.

इस कार्यक्रम का भारतीय सेना के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर शनिवार को अपलोड किया गया.

इससे पहले शनिवार को ही भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल एपी सिंह ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के "पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था."

वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा, "एक भी पाकिस्तानी विमान को निशाना नहीं बनाया गया और न ही कोई नष्ट हुआ है."

पहलगाम हमले के बाद भारत ने बताया था कि छह-सात मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में स्थित चरमपंथी कैंपों को निशाना बनाया. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हो गया था.

10 मई को संघर्ष विराम पर सहमति बनने के बाद गोलीबारी थम गई. उस समय पाकिस्तान ने भारत के "पांच लड़ाकू विमान गिराने" का दावा किया था, जिसे भारत ने सिरे से नकार दिया था.

सेना प्रमुख ने पहलगाम हमले के बाद की टाइमलाइन बताई

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से इस पर टीवी और संसद की बहसों में काफ़ी चर्चा हो चुकी है, लेकिन उनके मुताबिक़ इसमें तकनीक के इस्तेमाल और घटनाक्रम के क्रम को समझना भी ज़रूरी है.

उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के अगले दिन, 23 अप्रैल को, रक्षा मंत्री की अगुवाई में तीनों सेना प्रमुखों की बैठक हुई.

उन्होंने कहा, "यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री ने कहा, 'अब बहुत हो गया'. तीनों सेना प्रमुख साफ़ थे कि कुछ करना ज़रूरी है और हमें पूरी आज़ादी दी गई. मतलब, आप ख़ुद तय करें कि क्या करना है. यही वो भरोसा, राजनीतिक दिशा और साफ़गोई थी जो हमने पहली बार देखी और जिसने फ़र्क़ डाला."

उन्होंने आगे बताया कि 25 अप्रैल को नॉर्दर्न कमान में योजनाओं को अंतिम रूप दिया गया और 9 में से 7 टारगेट नष्ट किए गए.

image @SPOKESPERSONMOD/X भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान एक समीक्षा बैठक की तस्वीर (9 मई, 2025)

इसी के साथ ही सेना प्रमुख ने 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम रखने का क़िस्सा भी सुनाया.

जनरल उपेंद्र द्विवेदी के मुताबिक़, "जब मुझे इस बारे में ब्रीफ़ किया गया कि ऑपरेशन का नाम 'सिंधु' होगा. मैंने सोचा कि ये सिंधु नदी की बात है. तो मैंने कहा, बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा, नहीं, यह 'ऑपरेशन सिंदूर' है. और देखिए, सिर्फ़ इस एक नाम ने पूरे देश को जोड़ दिया."

पहले के अभियानों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार हमला पहले से कहीं ज़्यादा ''व्यापक और गहरा'' था.

सेना प्रमुख के मुताबिक़, "यह पहली बार था जब हमने उनके हार्टलैंड पर वार किया और हमारा निशाना था- 'नर्सरी' और उसके मास्टर. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था और पाकिस्तान को भी उम्मीद नहीं थी कि उनके हार्टलैंड पर हमला होगा. यह उनके लिए बड़ा झटका था."

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'मेरा चीफ़ फ़ील्ड मार्शल बन गया है'

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपने संबोधन में नैरेटिव मैनेजमेंटपर भी अपनी बात रखी.

वह कहते हैं, "नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम वह चीज़ है जिसे हमने बड़े पैमाने पर समझा, क्योंकि जीत दिमाग़ में होती है, हमेशा दिमाग़ में रहती है. अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि आपने हारा या जीता, तो वह कहेगा- 'मेरा चीफ़ फ़ील्ड मार्शल बन गया है. हम जीते हैं, तभी वह फ़ील्ड मार्शल बना है'."

दरअसल, यह टिप्पणी उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के फ़ील्ड मार्शल बनने के संदर्भ में की, जिन्हें भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान सरकार ने यह पद दिया था.

इसके आगे सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि भारत ने अपनी बात को अपने तरीक़े से रखा.

वह कहते हैं, ''जो रणनीतिक संदेश था, वह बहुत ज़रूरी था और इसी वजह से पहला संदेश जो हमने दिया- 'ओके, जस्टिस डन. ऑपरेशन सिंदूर', उसने सबसे ज़्यादा असर किया.''

image Getty Images पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को प्रमोशन देकर फ़ील्ड मार्शल बनाया गया था

जब छह-सात मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में स्थित चरमपंथी कैंपों को निशाना बनाया था.

उसके तुरंत बाद भारतीय सेना के एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ पब्लिक इंफ़ॉर्मेशन (एडीजीपीआई) के आधिकारिक एक्स हैंडल से एकपोस्टकरके सबसे पहले हमले की जानकारी दी गई थी, जनरल द्विवेदी इसी मैसेज की बात कर रहे थे.

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'ग्रे ज़ोन में चली गई शतरंज की चालें'

इसी के साथ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की रणनीति को शतरंज के खेल से तुलना करते हुए बताया कि इस दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे की चालें समझने और तोड़ने में लगे थे. उनके मुताबिक, इस ऑपरेशन ने उन्हें 'ग्रे ज़ोन' के महत्व को गहराई से समझाया.

उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज खेला. इसका मतलब यह कि हमें नहीं पता था कि दुश्मन अगला क़दम क्या उठाएगा और हम क्या करने वाले हैं. इसे हम 'ग्रे ज़ोन' कहते हैं."

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों पक्ष शतरंज की चालें चलते रहे. "तो हम भी शतरंज की चाल चल रहे थे, वह भी शतरंज की चाल चल रहा था. कहीं हम उसे चेकमेट दे रहे थे और कहीं हम उसे मारने के लिए बढ़ रहे थे, चाहे उसमें अपना नुक़सान होने का जोख़िम क्यों न हो. लेकिन ज़िंदगी का खेल ऐसा ही होता है."

image Getty Images भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान कई तरह के दावे सामने आए. भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर किए जाते रहे हैं दावे

बता दें कि 7 से 10 मई के बीच चले भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान कई तरह के दावे सामने आए.

पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस संघर्ष के दौरान भारत के 'पांच लड़ाकू विमान मार गिराए' गए.

31 मई को भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल अनिल चौहान से जब भारतीय विमानों के मार गिराने के पाकिस्तान के दावे के बारे में पूछा गया था तो उनका कहना था, "ये बिल्कुल ग़लत है."

उन्होंने कहा, "लेकिन जैसा मैंने कहा कि ये जानकारी बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है. जो महत्वपूर्ण है, वह यह है कि जेट क्यों गिरे और इसके बाद हमने क्या किया. ये हमारे लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण है."

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष में "पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था."

हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया था कि किस देश के कितने लड़ाकू विमानों को नुक़सान पहुंचा था.

ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने दो परमाणु हथियार संपन्न देश भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराया था.

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेभारत–पाकिस्तान संघर्ष के दौरान सीज़फ़ायर को लेकर 'मध्यस्थता' वाले दावों को संसद में सिरे से ख़ारिज कर दिया था.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.

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