भारत की प्रमुख फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस कंपनी वीवर्क इंडिया मैनेजमेंट लिमिटेड अब एक बड़े पब्लिक इश्यू की तैयारी में है। कंपनी 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिए IPO लाने जा रही है, जो पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा।
इस इश्यू के तहत प्रमोटर एम्बेसी बिल्डकॉन एलएलपी कुल 3.34 करोड़ शेयर, जबकि निवेशक 1 एरियल वे टेनेंट लिमिटेड करीब 1.02 करोड़ शेयर बेचेंगे। चूंकि यह केवल OFS है, इसलिए कंपनी को इस इश्यू से कोई नया कैश नहीं मिलेगा, बल्कि रकम पूरी तरह से बिकवाल शेयरधारकों के पास जाएगी।
SEBI से मिली मंजूरी, अब IPO लॉन्च की तैयारीसेबी ने 4 जुलाई 2025 को WeWork India के ड्राफ्ट ऑफर डॉक्यूमेंट (DOD) को अबेयेंस से बाहर कर दिया है और अब अंतिम टिप्पणियों की प्रतीक्षा है। पहले इस आईपीओ डॉक्यूमेंट को कुछ स्पष्टीकरणों की मांग के चलते होल्ड पर रखा गया था, जो अब हटा लिया गया है। यह मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अब रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल करने और रोड शो शुरू करने की योजना बना रही है।
कहां-कहां है कंपनी की उपस्थितिवीवर्क इंडिया की मौजूदगी भारत के 8 प्रमुख शहरों, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, नोएडा, गुड़गांव, नई दिल्ली और चेन्नई में है। कंपनी के पास 68 फ्लेक्स वर्कस्पेस सेंटर्स हैं और 100,000 से अधिक डेस्क की क्षमता है।
CBRE की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी पिछले तीन वित्तीय वर्षों में राजस्व के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी कोवर्किंग कंपनी रही है।
ग्लोबल संकट के बावजूद भारतीय इकाई मजबूतहालांकि अमेरिका स्थित WeWork Inc. ने 2023 में दिवालिया होने की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय यूनिट उससे पूरी तरह स्वतंत्र है। यह एक जॉइंट वेंचर है वीवर्क ग्लोबल और एम्बेसी ग्रुप के बीच, जिसमें स्थानीय लीडरशिप और मजबूत स्वामित्व कंपनी की वित्तीय स्थिरता और परिचालन को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।
आईपीओ मैनेजमेंट और लिस्टिंगIPO का प्रबंधन प्रमुख निवेश बैंकों के एक संघ द्वारा किया जा रहा है। जेएम फाइनेंशियल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, कोटक महिंद्रा कैपिटल और 360 वन डब्ल्यूएएम इस इश्यू के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर (BRLM) के रूप में काम कर रहे हैं। कंपनी के शेयर BSE और NSE पर लिस्ट किए जाएंगे।
क्यों है ये IPO खास?विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ग्रेड-A ऑफिस स्पेस की मांग दोबारा बढ़ रही है और फ्लेक्सिबल, टेक-सक्षम वर्कस्पेस मॉडल में निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बनी है। इस आईपीओ को को वर्किंग सेक्टर के लिए एक बेंचमार्क माना जा रहा है और यह तय करेगा कि निवेशक इस स्पेस को कितना भरोसा देते हैं।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
इस इश्यू के तहत प्रमोटर एम्बेसी बिल्डकॉन एलएलपी कुल 3.34 करोड़ शेयर, जबकि निवेशक 1 एरियल वे टेनेंट लिमिटेड करीब 1.02 करोड़ शेयर बेचेंगे। चूंकि यह केवल OFS है, इसलिए कंपनी को इस इश्यू से कोई नया कैश नहीं मिलेगा, बल्कि रकम पूरी तरह से बिकवाल शेयरधारकों के पास जाएगी।
SEBI से मिली मंजूरी, अब IPO लॉन्च की तैयारीसेबी ने 4 जुलाई 2025 को WeWork India के ड्राफ्ट ऑफर डॉक्यूमेंट (DOD) को अबेयेंस से बाहर कर दिया है और अब अंतिम टिप्पणियों की प्रतीक्षा है। पहले इस आईपीओ डॉक्यूमेंट को कुछ स्पष्टीकरणों की मांग के चलते होल्ड पर रखा गया था, जो अब हटा लिया गया है। यह मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अब रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) दाखिल करने और रोड शो शुरू करने की योजना बना रही है।
कहां-कहां है कंपनी की उपस्थितिवीवर्क इंडिया की मौजूदगी भारत के 8 प्रमुख शहरों, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, नोएडा, गुड़गांव, नई दिल्ली और चेन्नई में है। कंपनी के पास 68 फ्लेक्स वर्कस्पेस सेंटर्स हैं और 100,000 से अधिक डेस्क की क्षमता है।
CBRE की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी पिछले तीन वित्तीय वर्षों में राजस्व के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी कोवर्किंग कंपनी रही है।
ग्लोबल संकट के बावजूद भारतीय इकाई मजबूतहालांकि अमेरिका स्थित WeWork Inc. ने 2023 में दिवालिया होने की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय यूनिट उससे पूरी तरह स्वतंत्र है। यह एक जॉइंट वेंचर है वीवर्क ग्लोबल और एम्बेसी ग्रुप के बीच, जिसमें स्थानीय लीडरशिप और मजबूत स्वामित्व कंपनी की वित्तीय स्थिरता और परिचालन को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।
आईपीओ मैनेजमेंट और लिस्टिंगIPO का प्रबंधन प्रमुख निवेश बैंकों के एक संघ द्वारा किया जा रहा है। जेएम फाइनेंशियल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, कोटक महिंद्रा कैपिटल और 360 वन डब्ल्यूएएम इस इश्यू के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर (BRLM) के रूप में काम कर रहे हैं। कंपनी के शेयर BSE और NSE पर लिस्ट किए जाएंगे।
क्यों है ये IPO खास?विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ग्रेड-A ऑफिस स्पेस की मांग दोबारा बढ़ रही है और फ्लेक्सिबल, टेक-सक्षम वर्कस्पेस मॉडल में निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बनी है। इस आईपीओ को को वर्किंग सेक्टर के लिए एक बेंचमार्क माना जा रहा है और यह तय करेगा कि निवेशक इस स्पेस को कितना भरोसा देते हैं।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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