नई दिल्ली: हर किसी के लिए सबसे जरूरी है फाइनेंसियल प्लानिंग जो सबकी जिंदगी में होना ही चाहिए. हम इस सीरीज में पर्सनल फाइनेंस के बारे में बात करेगें, आज हम जानेगें इमरजेंसी फंड के बारे में आइयें इसे समझते है. जरा सोचिए, आप एक हाइवे पर कार चला रहे हैं, सूरज चमक रहा है, हवा भी बढ़िया चल रही है. लेकिन अचानक से एक शार्प मोड़ आ जाता है. अगर आपने सीटबेल्ट पहनी है, तो आप सेफ हैं, लेकिन अगर नहीं पहनी तो क्या होगा? इमरजेंसी फंड सीटबेल्ट की तरह ही है जो ज़िंदगी के अचानक आने वाले झटकों से आपको सुरक्षित रखता है. इमरजेंसी फंड क्या होता है?इमरजेंसी फंड वो पैसा होता है जिसे आप सिर्फ आपातकालीन परिस्थितियों में इस्तेमाल करते हैं. जैसे अगर अचानक नौकरी चली जाए, मेडिकल इमरजेंसी हो जाए, घर में कोई बड़ी मरम्मत की ज़रूरत पड़ जाए या फिर आपकी इनकम कुछ महीनों के लिए रुक जाए. ऐसी सिचुएशन में आपको कर्ज़ लेने की ज़रूरत न पड़े.मोनिका हालन अपनी मशहूर किताब Let's Talk Money में कहती हैं हर व्यक्ति के पास कम से कम 6 महीने के खर्च जितना इमरजेंसी फंड होना चाहिए.उदाहरण के लिए, अगर आपके महीने का खर्च ₹30,000 है, तो आपको ₹1,80,000 का इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए. ये पैसा आपको ऐसी जगह रखना है जो सुरक्षित हो, जल्दी निकाला जा सके और जोख़िम भरा न हो.मतलब न तो शेयर मार्केट में डालो, न गोल्ड में. सबसे अच्छा ऑप्शन है लिक्विड फंड, सावधि जमा (FD) या फिर हाई-इंटररेस्ट सेविंग अकाउंट. इमरजेंसी फंड क्यों ज़रूरी है?
- जब पैसा पास में होता है, तो मुसीबत भी आसान लगती है.
- क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन लेने की नौबत नहीं आती.
- कभी नौकरी छोड़नी हो, करियर में ब्रेक लेना हो तो डर नहीं लगता.
- जब परिवार पर कोई संकट आए, तो आप पैसों की चिंता छोड़कर उन्हें समय दे सकें.
- इमरजेंसी फंड को इंवेस्टमेंट न समझें, ये सिर्फ सुरक्षा कवच है.
- इसे कभी ऑनलाइन शॉपिंग या वेकेशन के लिए यूज़ ना करें
- अगर आप सैलरीड नहीं, फ्रीलांसर या बिज़नेस पर्सन हैं, तो 9–12 महीने का फंड बनाएं.
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