आज हम आपको भुवनेश्वर के रहने वाले गणेश परिदा की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले हैं. गणेश परिदा एक सफल कारोबारी है. उनकी कंपनी का नाम फ्यूचर वेंडिंग है, जो कॉफी वेंडिंग मशीन का कारोबार करती है. गणेश परिदा ने इस कंपनी की शुरुआत साल 1998 में केवल 23,000 रुपये के निवेश से की थी लेकिन आज यह कंपनी 3 करोड़ रुपये के कारोबार तर पहुंच गई है. ऐसे में आइए जानते हैं गणेश परिदा ने यह सफलता कैसे हासिल की.
नौकरी छोड़कर बिजनेस का फैसलागणेश परिदा का जन्म भुवनेश्वर में हुआ था लेकिन वह पले-बढ़े जयपुर में. गणेश ने 1991 में भारती विद्यापीठ, यूनिवर्सिटी ऑफ पूना से पर्सनल मैनेजमेंट में मास्टर्स किया, जिसके बाद उन्हें 1800 रुपये महीने की नौकरी मिली लेकिन गणेश कुछ और ही करना चाहते थे. गणेश को नौकरी करना पसंद नहीं था. ऐसे में उन्होंने अपनी नौकरी ठुकरा दी और कारोबार शुरू करने का फैसला लिया. गणेश का परिवार उनके इस फैसले से न खुश था.
एक विज्ञापन को देखकर आया बिजनेस आइडियागणेश ने कॉफी वेंडिंग मशीन का बिजनेस शुरू किया. इसका आइडिया गणेश को हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के एक विज्ञापन से मिला था. इस विज्ञापन में कॉफी वेंडिंग मशीन के बारे में बताया गया था. ऐसे में उन्होंने ऑफिस में कॉफी वेंडिंग मशीन लगाने का कारोबार शुरू करने का फैसला लिया. इसके बाद गणेश ने साल 1998 में फ्यूचर वेंडिंग कंपनी की शुरुआत की.
शुरुआती निवेश के लिए गणेश के पिता ने उन्हें 23,000 रुपये दिए, जिससे गणेश ने अपने बिजनेस की शुरुआत की. बस यही से गणेश का बिजनेस धीरे धीरे आगे बढा और गणेश को सफलता तब मिली जब उन्हें हल्दीराम से दो कॉफी वेंडिंग मशीन का ऑर्डर मिला.मशीनों के साथ गणेश ने कॉफी, चाय और सूप के प्रीमिक्स भी बेचना शुरू किया.
धीरे धीरे गणेश की कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, नेस्ले, सोसाइटी टी, सेन्सो फूड्स और वाघ बकरी टी जैसी बड़ी कंपनियों की ऑथराइज्ड डीलर बन गई. आज गणेश की कंपनी ओडिशा में कॉफी वेंडिंग मशीन की सबसे बड़ी डिस्ट्रीब्यूटर है और इस कंपनी का कारोबार आज 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
नौकरी छोड़कर बिजनेस का फैसलागणेश परिदा का जन्म भुवनेश्वर में हुआ था लेकिन वह पले-बढ़े जयपुर में. गणेश ने 1991 में भारती विद्यापीठ, यूनिवर्सिटी ऑफ पूना से पर्सनल मैनेजमेंट में मास्टर्स किया, जिसके बाद उन्हें 1800 रुपये महीने की नौकरी मिली लेकिन गणेश कुछ और ही करना चाहते थे. गणेश को नौकरी करना पसंद नहीं था. ऐसे में उन्होंने अपनी नौकरी ठुकरा दी और कारोबार शुरू करने का फैसला लिया. गणेश का परिवार उनके इस फैसले से न खुश था.
एक विज्ञापन को देखकर आया बिजनेस आइडियागणेश ने कॉफी वेंडिंग मशीन का बिजनेस शुरू किया. इसका आइडिया गणेश को हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के एक विज्ञापन से मिला था. इस विज्ञापन में कॉफी वेंडिंग मशीन के बारे में बताया गया था. ऐसे में उन्होंने ऑफिस में कॉफी वेंडिंग मशीन लगाने का कारोबार शुरू करने का फैसला लिया. इसके बाद गणेश ने साल 1998 में फ्यूचर वेंडिंग कंपनी की शुरुआत की.
शुरुआती निवेश के लिए गणेश के पिता ने उन्हें 23,000 रुपये दिए, जिससे गणेश ने अपने बिजनेस की शुरुआत की. बस यही से गणेश का बिजनेस धीरे धीरे आगे बढा और गणेश को सफलता तब मिली जब उन्हें हल्दीराम से दो कॉफी वेंडिंग मशीन का ऑर्डर मिला.मशीनों के साथ गणेश ने कॉफी, चाय और सूप के प्रीमिक्स भी बेचना शुरू किया.
धीरे धीरे गणेश की कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, नेस्ले, सोसाइटी टी, सेन्सो फूड्स और वाघ बकरी टी जैसी बड़ी कंपनियों की ऑथराइज्ड डीलर बन गई. आज गणेश की कंपनी ओडिशा में कॉफी वेंडिंग मशीन की सबसे बड़ी डिस्ट्रीब्यूटर है और इस कंपनी का कारोबार आज 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.