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मध्य प्रदेश में शराब बिक्री पर नया प्रतिबंध: 19 शहरों में दुकानें बंद होंगी

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सरकार का नया निर्णय

MP News : सरकारी घोषणा के अनुसार, 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी, जिससे कुल 47 शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य उन क्षेत्रों में शराब के प्रभाव को कम करना है, जहां इसके कारण अपराध या सामाजिक समस्याएं बढ़ रही हैं।


नए नियमों का प्रभाव

Madhya Pradesh News : 1 अप्रैल, 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ कई राज्यों में नियमों में बदलाव होंगे। इसी क्रम में, विभिन्न शराब नीतियों में भी संशोधन किया जा रहा है। इस बीच, एक राज्य में पहली बार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोला जाएगा। इसके अलावा, धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।


नए बार की स्थापना

बार की संख्या कुल मिलाकर 460 से 470

रविवार को जारी की गई नई नीति के अनुसार, ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ में केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’ (V/V) अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत से कम होगी। इन स्थानों पर शराब पीना पूरी तरह से निषिद्ध होगा। मध्य प्रदेश में वर्तमान में 460 से 470 बार हैं, और अधिकारियों का कहना है कि नए बार के खुलने से यह संख्या तेजी से बढ़ेगी।


शराब की बिक्री पर प्रतिबंध

1 अप्रैल से सभी शराब की दुकानें 19 शहरों में बंद हो जाएंगी

सरकारी बयान में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लग जाएगी, जिससे कुल 47 शराब की दुकानें बंद होंगी। उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। 23 जनवरी को नई आबकारी नीति की मंजूरी के बाद, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराब की बिक्री पर बैन लगाने का ऐलान किया। इस प्रतिबंध से राज्य सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।


रिन्यूअल फीस में वृद्धि

रीन्यूअल फीस 20 प्रतिशत बढ़ जाएगी

हालांकि, जिन शहरों में शराब की बिक्री बंद होगी, वहां बाहर से शराब लाकर पीने पर कोई रोक नहीं होगी। बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 की तरह, जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में केवल आबकारी कानून लागू है, जबकि बिहार और गुजरात में शराबबंदी है। सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए शराब की दुकानों के रिन्यूअल फीस में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो एक नई आबकारी नीति का परिणाम है।


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