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दिवाली से पहले सोने की कीमतें 1.25 लाख के पार पहुंचने की संभावना

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सोने की कीमतों में तेजी

सोना-चांदी

फेस्टिव सीजन के दौरान, दिल्ली में सोने की कीमतें 1.25 लाख रुपए के स्तर को पार करने की ओर बढ़ रही हैं। वर्तमान में, सोने की कीमतें 1.20 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। केवल 4 प्रतिशत की वृद्धि, यानी 5,000 रुपए की आवश्यकता है, जिससे यह आंकड़ा दिवाली से पहले पार हो सकता है।

दिवाली के दिन, दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 1.30 लाख रुपए तक पहुंच सकती हैं। चांदी की कीमतों में भी 500 रुपए की वृद्धि हुई है, जिससे यह नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस प्रकार, दिवाली तक सोना और चांदी दोनों की कीमतें अप्रत्याशित स्तर पर पहुंच सकती हैं।


सोने की कीमतों का रिकॉर्ड स्तर रिकॉर्ड लेवल पर सोने के दाम

कमजोर डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते, दिल्ली में सोने की कीमतें 500 रुपए बढ़कर 1.20 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, त्योहारी मांग के कारण पिछले सत्र में सोने की कीमत 1,500 रुपए बढ़कर 1,19,500 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।


दिवाली से पहले कीमतों में वृद्धि दिवाली से पहले हो सकती है सवा लाख कीमत

इस वर्ष सोने की कीमतों में 41,050 रुपए यानी 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जानकारों का मानना है कि अमेरिकी सरकार के बंद होने की संभावनाओं के कारण सोने की कीमतों में उछाल आया है।


क्या कीमतें सवा लाख के पार जाएंगी? क्या सवा लाख के पार जाएंगी कीमतें?

दिल्ली में सोने की कीमतें दिवाली से पहले रिकॉर्ड स्तर पर जा सकती हैं। गोल्ड को 1.25 लाख रुपए तक पहुंचने के लिए 5,000 रुपए की वृद्धि की आवश्यकता है। सितंबर में सोने की कीमतों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


चांदी की कीमतों में भी वृद्धि चांदी ने भी बनाया रिकॉर्ड

चांदी की कीमतें भी 500 रुपए बढ़कर 1,50,500 रुपए प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई हैं। इस साल चांदी की कीमतों में 60,800 रुपए या 67.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।


विशेषज्ञों की राय क्या कहते हैं जानकार?

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी बाजार में प्रमुख आंकड़ों के जारी होने से पहले सोने में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बाजार की स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी गई है, क्योंकि यह मांग और आपूर्ति की धारणा को प्रभावित कर सकता है।


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