सोशल मीडिया पर चर्चित धर्मगुरु अनिरुद्धाचार्य महाराज और समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच हुई तीखी बातचीत ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। यह वार्ता हाईवे पर हुई और इसका विषय वर्ण व्यवस्था था, जिसमें अखिलेश ने 'शुद्र' शब्द के उपयोग पर आपत्ति जताई। जब अखिलेश ने अनिरुद्धाचार्य से भगवान श्रीकृष्ण का पहला नाम पूछा, तो जवाब न मिलने पर उन्होंने कहा, 'आपका रास्ता अलग है।'
हालांकि, अनिरुद्धाचार्य ने इस सवाल का जवाब देने के बजाय एक महत्वपूर्ण खुलासा किया कि भगवान के अनंत नाम हैं और सवाल पूछने वाला खुद उत्तर याद करके आता है। उन्होंने कहा, 'कृष्ण का पहला नाम 'लाला' जैसा होता है, लेकिन यह असली नाम नहीं है, असली नाम तो 'कृष्ण' ही है।' अनिरुद्धाचार्य ने स्पष्ट किया, 'मैंने जो सच कहा, वह उनके मन के अनुसार नहीं था, इसलिए उन्होंने कहा हमारा रास्ता अलग है।'
यह बहस केवल भगवान के नामों पर विवाद नहीं खड़ा कर रही है, बल्कि इसमें सामाजिक और राजनीतिक रंग भी शामिल हैं। क्या यह मतभेद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और धर्मगुरु के बीच बड़े राजनीतिक संघर्ष का हिस्सा है? या फिर धर्म और राजनीति के इस टकराव में कुछ और छिपा है?
You may also like
इस रहस्यमयी जनजाति की महिलाएं 90 की उम्र में भीˈ हो जाती हैं गर्भवती 150 साल तक जीती हैं और दिखती हैं सिर्फ 20 की
दिल्ली विकास का एक शानदार उदाहरण: पीएम मोदी
पलामू में प्रेम प्रसंग के विवाद में युवक की हत्या, शव रेलवे ट्रैक पर फेंका, चार गिरफ्तार
'7 दिन में हलफनामा दें या फिर देश से माफी मांगें', राहुल के आरोप पर मुख्य चुनाव आयुक्त का पलटवार
मंत्री छगन भुजबल का जलगांव दौरा, पालक मंत्री को लेकर क्या कहा?