मिस्र में एक प्राचीन कब्रिस्तान की खोज के दौरान पुरातत्वविदों को 3,500 साल पुरानी 'बुक ऑफ द डेड' की कुछ प्रतियां मिली हैं। यह खोज मिस्र के इतिहास और दफनाने की विधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकती है।
यह किताब एक 43 फीट लंबे पपीरस स्क्रॉल पर लिखी गई है, जिसे पुरातत्वविदों ने अत्यंत दुर्लभ और महत्वपूर्ण बताया है। यह प्राचीन मिस्र के ग्रंथों का संग्रह है, जो जीवन और आत्मा के मार्गदर्शन से संबंधित है।
इस खोज से यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन मिस्र के लोग मृत्यु के बाद दफनाने की विधियों से भली-भांति परिचित थे। इसमें मृतक के शरीर के अंगों को रखने के लिए कैनोपिक जार और बुक ऑफ द डेड के स्क्रॉल शामिल होते थे, जो मृतक को परलोक में आगे बढ़ने में सहायता करते थे।
यह कब्रिस्तान मध्य मिस्र में स्थित है और इसमें ताबीजें, मूर्तियां, ममियां और कैनोपिक जार के साथ-साथ 43 फुट लंबा पपीरस स्क्रॉल भी मिला है, जो अच्छी स्थिति में है।
मिस्र की सर्वोच्च पुरावशेष परिषद के महासचिव मुस्तफा वजीरी ने बताया कि यह कब्रिस्तान 1550 ईसा पूर्व से 1070 ईसा पूर्व के बीच का है। वहीं, बुक ऑफ द डेड की लंबाई 43-49 फीट मानी जाती है।
जर्मनी के रोमर और पेलिजेअस म्यूजियम की CEO लारा वीस ने 'लाइव साइंस' से बातचीत में कहा कि यदि यह किताब आज भी अच्छी स्थिति में है, तो यह एक महत्वपूर्ण खोज है।
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