चेन्नै: तमिलनाडु के तिरुप्पुर में बिहार के तीन लोगों ने ओडिशा की एक प्रवासी महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया है। यह घटना 17 की रात तिरुप्पुर रेलवे स्टेशन पर हुई। पीड़िता अपने पति और बच्चे के साथ ओडिशा लौटना चाहती थी। क्योंकि उन्हें कोयंबटूर में अपना काम पसंद नहीं आया था।
आरोपियों ने उन्हें नौकरी का झांसा दिया और अपने कमरे में ले गए। वहां रात में पति के सामने चाकू की नोक पर महिला के साथ बलात्कार किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बलात्कार का मामला दर्ज किया है। तमिलनाडु में हाल ही में यौन अपराधों में वृद्धि देखी गई है। सत्ताधारी DMK का दावा है कि सभी मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मुकदमे में तेजी लाई गई है। विपक्ष इसे महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था में गिरावट का संकेत मानता है।
क्या है मामला? दरअसल 17 की रात पीड़िता, उसका पति और उनका बच्चा तिरुप्पुर रेलवे स्टेशन पर थे। वे ओडिशा वापस जाना चाहते थे। कोयंबटूर में उन्हें अपना काम पसंद नहीं आया था। तभी तीनों आरोपी उनसे मिले। जो बिहार के प्रवासी मज़दूर थे। उन्होंने परिवार को अपने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि वे जिस फैक्ट्री में काम करते हैं, वहां उन्हें नौकरी दिला देंगे। परिवार उनके साथ चला गया। आरोप है कि रात में आरोपियों ने चाकू की नोक पर महिला के साथ बलात्कार किया।
केस दर्ज कर जांच कर रही पुलिस आरोपियों ने दंपती को धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी को इस घटना के बारे में बताया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डरी हुई महिला और उसका पति चुप रहे। तिरुप्पुर पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर बलात्कार का आरोप लगाया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है और जांच जारी है।
सभी मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया यह घटना तमिलनाडु में बढ़ते यौन अपराधों के बीच हुई है। सत्ताधारी DMK का दावा है कि सभी मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनका कहना है कि मुकदमों को भी तेजी से चलाया जा रहा है। DMK नेता और राज्य के कानून मंत्री सेवुगन रेगुपति ने कहा कि हमारे शासन में पीड़िता आत्मविश्वास से अपराधों की रिपोर्ट करती हैं। यह पहले के AIADMK शासनकाल के विपरीत है। पोलाची यौन शोषण मामले में पीड़िता शिकायत दर्ज कराने से डरती थीं। FIR दो हफ्ते बाद दर्ज की गई थी।
विपक्ष ने सुरक्षा पर उठाए सवाल हालांकि विपक्ष इसे महिला सुरक्षा, कानून और व्यवस्था में गिरावट का स्पष्ट संकेत मानता है। AIADMK ने स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ते यौन अपराधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कुछ मामलों में शिक्षक ही कथित अपराधी थे। PMK प्रमुख डॉ एस रामदास ने कहा कि तमिलनाडु में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के बिना एक भी दिन नहीं जाता। पुलिस और शासक कब समझेंगे कि उनका प्राथमिक काम गिरफ्तारी के बारे में शेखी बघारने के बजाय ऐसे अपराधों को रोकना है?
राज्य में हाल की घटनाएंहाल ही में चेन्नै के अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न हुआ। कृष्णागिरी में तीन शिक्षकों को एक छात्रा के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सलेम में कक्षा XI के तीन लड़कों को परिसर में अपनी जूनियर के साथ कथित यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के लिए गिरफ्तार किया गया है। कोयंबटूर में सात कॉलेज छात्रों को एक नाबालिग लड़की के साथ कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ये घटनाएं राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाती हैं।
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