Next Story
Newszop

बिहार में बिछेगी 315 किलोमीटर की रेल लाइनें, बनेंगे 40 नए स्टेशन, किसानों को फायदा

Send Push

Bihar News : बिहार में बिहटा-औरंगाबाद नई रेलवे लाइन विक्रमशिला-कटारिया नई डबल लाइन रेलवे लाइन सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलवे लाइन और सुल्तानगंज-देवघर रेलवे लाइन का निर्माण तेजी से चल रहा है। 120 किलोमीटर बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन और विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण करना होगा जिसके लिए सरकार काफी धन खर्च करेगी। आइए जानते हैं कि ये दोनों मार्ग कब तक तैयार होंगे और यह लाइन किन शहरों से गुजरेगी।

बिहार में रेल सड़क परिवहन को मजबूत करने के साथ रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी जोर दिया जा रहा है। राज्य में कई नई रेल परियोजनाओं का प्रस्ताव है। बिहटा-औरंगाबाद के बीच एक नई रेल लाइन बनाने के लिए रेल मंत्री ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने की अनुमति दी है। इसके अलावा विक्रमशिला-कटारिया के बीच एक नई डबल लाइन रेलवे लाइन बनाने का भी बड़ा प्रोजेक्ट है। बिहटा-औरंगाबाद के बीच प्रस्तावित 120 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का डीपीआर बनाने का अंतिम चरण तय किया जाएगा। इस दौरान औरंगाबाद को रेल लाइन से जोड़ने के लिए अनुग्रहण नारायण रोड से औरंगाबाद के बीच 13 किमी. लंबी नई रेल लाइन को मंजूरी दी गई है।

बिहटा-औरंगाबाद नई रेल की लागत

बिहटा-औरंगाबाद रेलवे परियोजना का निर्माण करने में 440 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना को वित्तीय वर्ष 2025–26 के दौरान 42.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।  इस परियोजना को पूरा करने के लिए जगह मिलनी चाहिए। इस मार्ग पर जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि होगी। किसानों को उनकी जमीन के लिए बड़ी राशि दी जाएगी जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। इस परियोजना से पटना से औरंगाबाद की दूरी सिर्फ डेढ़ घंटे में होगी। इस दौरान 14 स्टेशन बनाए जाएंगे।

सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन का क्या हुआ

इसके अलावा दो दशक पहले शुरू की गई सुल्तानगंज-देवघर रेल लाइन को फिर से शुरू करने की योजना भी बनाई गई है। इस पंक्ति के लिए 2000 से 2001 तक वाजपेयी सरकार ने जमीन अधिग्रहण की और जमीन मालिकों को भुगतान किया। लेकिन ठंडे बस्ते पर पड़े इस परियोजना को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है। 59 किलोमीटर लंबी लाइन को बिछाने के लिए 290 करोड़ रुपये खर्च किए गए।  इस रेलवे लाइन के निर्माण से सुल्तानगंज असरगंज तारापुर बेलहर और देवघर को सीधे कनेक्टिविटी मिलेगी।

सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण

उधर सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग का दोहरीकरण कार्य चल रहा है जो 110 किलोमीटर लंबा है। 83 किलोमीटर लंबी इसकी रेलवे परियोजना पूरी हो चुकी है। इसके अलावा बेतिया-कुमारबाग रेलवे लाइन के 9 किलोमीटर हिस्से का दोहरीकरण भी इस परियोजना का हिस्सा है। इसके पूरा होने से रेलगाड़ी की संख्या बढ़ेगी। विभिन्न यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी क्योंकि एक्सप्रेस गाड़ी संबंधित स्टेशनों पर ठहर जाएगी। सुगौली जंक्शन वाल्मीकिनगर चंद्रपुर कालूबथान कटलीचेरा बरपथार हण्डपा परसा खेड़ा पाच्छापुर बेलदा गंगाधर नागौर सिलौत और कपूरपुरा स्टेशन बनाए जाएंगे।

विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन की लंबाई

विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन ब्रिज को भी मंजूरी दी गई जो भागलपुर के पास गंगा पर 26.23 किलोमीटर लंबा है। इस रेलवे का निर्माण अभी जारी है। निर्माण एजेंसी को भी टेंडर जारी किए गए थे। हालाँकि विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन का काम अभी भी जारी है। डीएम को पूर्व मध्य रेलवे के किसानों को सर्किल रेट से 200 हेक्टेयर जमीन देने का आदेश दिया गया है। विक्रमशिला-कटारिया न्यू डबल लाइन पर 2.44 किलोमीटर का डबल पुल गंगा नदी पर बनेगा। सरकार इसके लिए 2549.17 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बिहार और झारखंड के बीच इस लाइन से आसान यात्रा होगी। साथ ही पूर्वी बिहार और कोसी क्षेत्र के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इस अभियान को वर्ष 2030 से 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के पूरा होने पर यात्रियों को संबंधित स्टेशनों से बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा। दक्षिण में कटारिया और उत्तर में नवगछिया हैं।

बिहार में आएगी आर्थिक समृद्धि

नई रेल लाइनों से गांवों और आसपास के कस्बों और शहरों में व्यापार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। किसान यात्रा करके अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचा सकेंगे। इससे कृषि क्षेत्र और गांवों की आय दोनों बढ़ जाएगी। रेल परियोजनाओं में मालगाड़ी एक्सप्रेस और स्थानीय पैसेंजर गाड़ियां होंगी जिससे स्थानीय लोगों को ट्रेन से आसानी होगी और दूर स्टेशनों पर जाकर ट्रेनों का इंतजार नहीं करना होगा।

Loving Newspoint? Download the app now