लखनऊः उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के चायल सीट से विधायक पूजा पाल का सफर एक बार फिर मुश्किलों से गुजरने वाला है. क्योंकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि पूजा पाल का राजनीतिक कद पार्टियों के बदले जाने से कोई कम नहीं होने वाला है. क्योंकि वो किसी भी पार्टी से रही हों, वो लगातार चुनाव जीत रही हैं. हालांकि साल 2017 में वो भाजपा के प्रत्याशी से चुनाव हर गई थीं. पूजा पाल का राजनीतिक करियर बसपा के साथ शुरू हुआ था. लेकिन इस बीच पूजा पाल का एक वीडियो वायरल हुआ और बसपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
दो बार बसपा से विधायक रहीं पूजा पाल
इलाहाबाद शहर पश्चिमी सीट से विधायक रहे राजू पाल और पूजा की शादी साल 2005 में 15 जनवरी को हुई थी. लेकिन शादी के 10 दिन बाद ही अतीक अहमद और उसके गैंग ने राजू पाल की निर्ममता से हत्या कर दी. राजू पाल की हत्या के बाद पूजा पाल पर बसपा ने भरोसा जकाया और उपचुनाव में खड़ा किया. लेकिन तब अतीक अहमद के भाई अशरफ ने पूजा पाल को चुनाव हरा दिया. फिर साल 2007 विधानसभा चुनाव में मायावती ने पूजा पाल को दोबारा टिकट दिया. तब पूजा पाल ने जीत दर्ज कर ली. 2012 विधानसभा चुनाव में पूजा पाल दोबारा जीत गईं. लेकिन 2017 में बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने हरा दिया.
पूजा पाल का वीडियो वायरल होने पर हुआ था बवाल
इस बीच 2017 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद पूजा पाल ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. साल 2018 फरवरी में मायावती ने बसपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया. बसपा की तरफ से कहा गया कि पूजा पाल पार्टी बदलने की तैयारी कर रही थीं. जबकि पूजा पाल का कहना था कि वह केवल अपने पति को न्याय दिलाने के सिलसिले में केशव मौर्य से मिलने गई थीं.
साल 2019 में पूजा पाल ने थामा सपा का दामन
साल 2019 में पूजा पाल ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. साल 2022 में सपा ने पूजा को कौशांबी के चायल सीट से टिकट दिया और वह जीत भी गईं. पूजा पाल पिछले एक साल से पार्टी विरोधी काम कर रही थीं, जिसके चलते पूजा पाल को गुरुवार को पार्टी ने बाहर निकाल दिया. अब चर्चा है कि पूजा पाल बीजेपी का दामन थाम सकती हैं.
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