भारतीय संस्कृति में माथे की बिंदिया सोलह श्रृंगार में से एक है। बिंदी लगाने से महिलाएं बेहद खूबसूरत दिखती हैं। शादी के बाद खासतौर से बिंदी लगाने का रिवाज है। लेकिन क्या आप जानते हैं बिंदी न सिर्फ सुंदरता बढ़ाती है बल्कि महिलाओं की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। योग, आयुर्वेद और एक्यूप्रेशर में बिंदी को बहुत उपयोगी माना गया है। बिंदी लगाने से महिलाओं को सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में आराम मिलता है। आज आपको बिंदी लगाने के 6 बड़े फायदे बताएंगे-
मानसिक फायदे
मांथे के बीच और दोनों भौंहों के बीच में बिंदी लगाई जाती है। इस स्थान को योग और आयुर्वेद में शरीर का सबसे महत्वपूर्ण चक्र अजना चक्र या आज्ञा चक्र कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस चक्र को दबाने से मानसिक शांति और घबराहट कम होती है। बिंदी लगाते वक्त माथे के बीच में दबाया जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
झुर्रियां देर में पड़ती हैं
बिंदी लगाने से चेहरे की मसल्स मजबूत होती हैं। इससे मसल्स लचीली हो जाती हैं और खून का प्रवाह तेज होता है। जो महिलाएं रोज बिंदी लगाती हैं उनके चेहरे पर झुर्रियों भी अपेक्षाकृत देरी से आती है।
सुनने की क्षमता बढाए
माना जाता है कि मांथे के बीच में बिंदी लगे होने पर नसे हल्की उत्तेजित होती हैं। इससे कान की मसल्स को मजबूती मिलती है और सुनने की क्षमता बढ़ती है।
सिर दर्द में राहत
माथे पर बिंदी लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है। एक्यूप्रेशर विधि में माथे के बीच में दबाव बनाकर रखने पर सिरदर्द का दर्द दूर किया जा सकता है। इससे नसें और ब्लड सेल्स एक्टिव हो जाती हैं और सिर दर्द में राहत मिलती है।
तनाव में राहत
आयुर्वेद में माथे के बीच में जहां बिंदी लगाई जाती है उस स्थान को मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। बिंदी लगाने वाली जगह पर दबाने से मन शांत रहता है और तनाव की समस्या में राहत मिलती है।
अच्छी नींद में सहायक
बिंदी लगाने से अच्छी नींद भी आती है। दिमाग शांत रहता है जिसका असर आपकी नींद पर पड़ता है। शिरोधरा विधि के अनुसार बिंदी लगाने वाली जगह पर दबाव बनाने से अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है।
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