पाकिस्तान में हिंदू और हिंदू मंदिरों पर हो रहे अत्याचारों की खबरें तो आपने सुनी ही होंगी। पड़ोसी देश पाकिस्तान में लगातार हिंदुओं का शोषण किया जाता है। हिंदू मंदिरों को धवस्त करने में तो वो दो पल से भी कम का समय लगाते हैं, लेकिन पाकिस्तान के कराची से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने वहां के मुस्लिमों को अब हिंदू देवी देवताओं पर विश्वास करने के लिए मजबूर कर दिया है। अब वहां के कई मुस्लिम लोग भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए नजर आते हैं। लेकिन आखिर क्यों इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग भाले बाबा को मानने लगे आईए जानते हैं।
मंदिर तोड़कर बनाना चाहते थे मीट की दुकानइसकी शुरूआत होती है पाकिस्तानी के कराची शहर के बाजार में स्थित एक हिंदू मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) से। दरअसल कराची के एक भीड़भाड़ वाले इलाके के बीचों बीच वर्षों पुराना शिव मंदिर था। अब चूंकी पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या ना के बराबर है ऐसे में मंदिर को वहां कोई खास सहायता नहीं मिलती थी और ना ही ज्यादा लोग वहां पर दर्शन के लिए आते थे। लेकिन मुस्लिम देश में बना ये मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) वहां के कुछ कट्टर मुस्लिमों को रास नहीं आ रहा था। जिस पवित्र स्थल पर पूजा पाठ होना चाहिए था उस स्थल को तुड़वाकर वहां पर ये लोग मीट का कारोबार करना चाहते थे।
एक अपवित्र मंशा को लेकर एक पवित्र स्थल को तोड़ने का प्रयास करते हुए वहां के कुछ मुस्लिमों ने योजना बनाई की सरकार से इस मंदिर को तोड़ने की इजाजात मांगी जाए। कुछ लोगों ने मौजूदा सरकार को इस संबंध में एक अर्जी दाखिल की और बीच बाजार से शिव मंदिर को तुड़वाने की गुहार लगाई। अब पाकिस्तान की सरकार को भी इस मंदिर में कोई दिलचस्पी नहीं थी इसलिए उन्होंने भी इस सदियों पुराने मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) को तुड़वाने की इजाजात दे दी।
शिव की महिमा से जेसीबी हुआ खराबसरकार से इजाजत मिलते ही इलाके के मुस्लिम लोग काफी खुश हुए। वो लोग इसे एक जीत के रूप में देख रहे थे। सरकार ने इस मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) को तोड़ने का ठेका भी एक बिल्डर को सौंप दिया। लेकिन बिल्डर को नहीं पता था कि ये काम उसके पूरे जीवन को ही बदल देगा। दरअसल, सरकार से इजाजत मिलने के अगले दिन ही बिल्डर अपने टीम के साथ मंदिर के पास पहुंच गया। जीसीबी मशीन से मंदिर को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया। मंदिर के प्रांगण की एक दीवार भी आराम से धवस्त कर दी गई।
इस घटना को देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ भी एकत्रित हो गई थी। एक तरफ जेसीबी मंदिर के प्रांगण तो धवस्त करता हुआ आगे बढ़ रहा था तो वहीं इस दौरान वहां मौजूद लोग काफी खुश नजर आ रहे थे। लेकिन सबके के सब तब खामोश हो गए जब जैसे ही जेसीबी मंदिर का मुख्य शिखर गिराने के लिए आगे बढ़ा वैसे ही वो जेसीबी खराब हो गया। ये देखकर कुछ लोग हैरान हुए।
हालांकि वो बिल्डिर भी चुप नहीं बैठा उसने फौरन दूसरा जेसीबी मौके पर बुलवाया लेकिन वो भी मुख्य शिखर को एक खरोंच तक नहीं लगा पाया और उसके इंजन में भी कुछ गड़बड़ी आ गई। आसपास खड़े लोगों को थोड़ा थोड़ा समझ आ गया था की ये क्यों हो रहा है लेकिन सुबह से शाम होने के बावजूद मंदिर गिरा पाने में असफल रहे ठेकेदार ने अपने जिद नहीं छोड़ी और उसने अगले दिन क्रेन से मंदिर को ध्वस्त करने की ठान ली।
भोलेनाथ ने बिल्डर का दिया दंडअगली सुबह वो लालची बिल्डर एक बड़ी सी क्रेन लेकर पहुंच गया मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) के मुख्य शिखर को गिराने, क्रेन को देखते ही फिर से वहां पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। हर कोई चाह रहा था कि जल्दी से इस मंदिर को तोड़ दिया जाए। लेकिन शिव की महिमा से शायद ये लोग अभी तक अंजान थे। जैसे ही क्रेन मंदिर के मुख्य शिखर की तरफ बढ़ी तभी अचानक बिल्डर का फोन बजा, फोन पर उसे जानकारी दी गई की उसका बेटा बहुत बीमार हो गया है और उसे आईसीयू में एडमिट किया जा रहा है। ये सुनकर बिल्डर काफी परेशान हो गया और वो फौरन वहां से भागकर अस्पताल चला गया। बिल्डिर की गैर मौजूदगी में मंदिर को तोड़ने का काम भी रोक दिया गया।
शिव ने दिखाई अपनी महिमाउधर बिल्डर के बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल गई लेकिन वो कोमा में ही था, डॉक्टरों ने कहा कि वो अब कुछ नहीं कर सकते और अब सिर्फ भगवान ही उसके बच्चे को सकते हैं। इधर बिल्डर ने देश के बड़े बड़े हकीमों और तांत्रिकों को बुलाया लेकिन कोई भी उसके बच्चे को ठीक नहीं कर पाया। फिर एक दिन अचानक भोलशंकर ने बिल्डर को एक सपने में अपने दर्शन दिए और कहा की मंदिर (Shiv mandir of Pakistan) तोड़ने की कोशिश करने की सजा उसके बच्चे को मिल रही है। शिवजी ने बिल्डर से कहा की अगर वो मंदिर को बचा लेगा तो उसका बच्चा जरूर ठीक हो जाएगा। शिव की इस महिमा को देखकर उस रात बिल्डर सोया ही नहीं।
अगले ही दिन फौरन उसने मंदिर को तोड़ने वाले आदेश पर स्टे लगवा दिया और खुद अपने निजी खर्चे पर तोड़े गए मंदिर के प्रांगण का निर्माण करवाया। साथ ही उसने मंदिर का जीर्णोद्धार भी करवा दिया। जिसके कुछ ही समय बाद शिव की महिमा के कारण उसका बच्चा एकदम ठीक हो गाया। उस समय रमजान का महीना चल रहा था और रमजान के महीनें में पाकिस्तान के कराची में शिवजी द्वारा इतना बड़ा चमत्कार होना कोई छोटी बात नहीं थी। इस पूरी घटना के कारण अब मंदिर के आसपास के लोग भी शिव और सनातन धर्म को मानने के लिए मजबूर हो गए हैं।
You may also like
बारिश से बाधित दूसरे एकदिनी में इंग्लैंड ने भारत को 8 विकेट से हराया, सीरीज 1-1 से बराबर
स्कूल सभा के लिए आज के प्रमुख समाचार: राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और खेल की खबरें
WCL 2025 में विवाद, हरभजन-इरफान और यूसुफ पठान के पाकिस्तान के खिलाफ मैच से नाम वापस लेने की अटकलें हुई तेज
राष्ट्र की रक्षा के लिए विचारों में स्पष्टता, उद्देश्य में दृढ़ता और अनुशासन जरूरीः नौसेना अध्यक्ष
जबलपुरः कांवड़ यात्रा के मद्देनजर 21 जुलाई को स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित