संबलपुर (ओडिशा), 19 अप्रैल . भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), संबलपुर में शनिवार को नौवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने शिरकत की. उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवनभर सीखना ही सबसे बड़ी कुंजी है.
दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. पी.के. मिश्रा ने कहा, “10 साल पूरे हो गए हैं और यह नौवां दीक्षांत समारोह है. छात्र बेहतरीन काम कर रहे हैं और उनके सामने बेहतरीन अवसर हैं. कैंपस में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा है और वे बहुत भाग्यशाली हैं कि इस माहौल में रह रहे हैं.”
इससे पहले उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “यह भूमि मां समलेश्वरी की पवित्र धरती है, जहां वीर सुरेंद्र साई जैसे वीर सपूतों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ विद्रोह किया था. आप ऐसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर अध्ययन कर रहे हैं, यह आपका सौभाग्य है.”
उन्होंने कई क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज भारत डिजिटल नवाचार में विश्व स्तर पर अग्रणी है, यूपीआई और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे प्लेटफॉर्म जीवन को बदल रहे हैं. साथ ही देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है.”
डॉ. मिश्रा ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “जीवन भर सीखना ही सबसे बड़ी कुंजी है. बड़ा सोचें, साहस के साथ दुनिया का सामना करें. जीवन में चुनौतियां आएंगी, लेकिन दृढ़ संकल्प और मजबूत निर्णय लेने की क्षमता के साथ उनसे पार पाएं. समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी है. वैश्विक रूप से सोचें और स्थानीय रूप से कार्य करें.”
उन्होंने कहा, “मैं आपमें भविष्य के नीति निर्माताओं को देखता हूं, इसलिए ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को बढ़ावा दें, दुनिया एक परिवार है. हमें ऐसे नेतृत्व करने वालों की जरूरत है, जो न केवल संस्थानों का प्रबंधन कर सकें बल्कि मूल्यों को बनाए रख सकें, विविधता को अपना सकें और बदलाव ला सकें.”
आईआईएम बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सदस्य अरुंधति भट्टाचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “ऐसा उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा बहुत कम देखने को मिलता है. यहां तक कि आसपास के क्षेत्रों में भी हम उद्यमियों के साथ काम कर रहे हैं और यहां भी बहुत सारी गतिविधियां हो रही हैं.”
आईआईएम संबलपुर के निदेशक महादेव जायसवाल ने कहा, “आईआईएम संबलपुर ने 10 साल का सफर पूरा कर लिया है और यह इसका नौवां दीक्षांत समारोह था. आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई, जिसमें डिग्री हासिल करने वालों में 60 फीसदी छात्राएं हैं. पहली बार किसी भी आईआईएम में छात्राओं का प्रतिनिधित्व अधिक रहा है. यह हमारे लिए गर्व का क्षण है.”
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एफएम/एकेजे
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