पटना, 23 जून . बिहार कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर योजनाओं में एस्टिमेट घोटाले का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने सोमवार को कहा कि बहुप्रतीक्षित कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स-लेन पुल कांग्रेस-राजद नीत महागठबंधन सरकार की देन है. लेकिन, स्वीकृति के बाद इस पुल की लागत 60 प्रतिशत बढ़ गई.
शकील अहमद खान ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि अगस्त 2015 में महागठबंधन सरकार ने इस पुल की आधारशिला रखी थी और इसकी प्रारंभिक लागत 3,115 करोड़ रुपए घोषित की गई. इसके तहत गंगा नदी पर पटना जिले के कच्ची दरगाह से हाजीपुर के बिदुपुर को जोड़ने वाला 19.76 किलोमीटर लंबा पुल प्रस्तावित हुआ. इसके बाद सरकार बदल गई. अंत में इस पुल का निर्माण 4,988 करोड़ रुपए में हुआ.
उन्होंने कहा कि अगर लागत राशि बढ़ी तो यह जनता के पैसे की ही लूट है. अगर योजनाओं की जांच की स्थिति आती है तो केवल रिश्वत के प्रतिशत की राशि बढ़ती है. इसके बाद गुणवत्ता से समझौता किया जाता है. जब गुणवत्ता से समझौता होने के कारण पुल, पुलिया, भवन कुछ ही साल में दरक जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मेंटेनेंस के लिए भी जो पॉलिसी तय की गई है, उसमें भी निर्माण करने वाली कंपनी को ही इसका दायित्व दिया जाता है. ऐसे कई उदाहरण सामने हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार जो चला रहे हैं, उन्हें सरकार चलानी नहीं आ रही. भाजपा को “बड़का झूठा पार्टी” बताते हुए उन्होंने कहा कि आज इनका बिहार के सभी जिलों में कार्यालय बन गया है, आखिर उसके लिए पैसा कहां से आया?
उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी मानते हैं कि हाजीपुर की सड़कें खराब स्थिति में हैं. कांग्रेस के नेता ने कहा कि इन योजनाओं के लिए निगरानी की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने सरकार पर बिहार के लोगों को ठगने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो सभी योजनाओं के एस्टिमेट की जांच कराई जाएगी.
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एमएनपी/एबीएम/एकेजे
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