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यूएन राजनीतिक प्रमुख का बयान : ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति अहम

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संयुक्त राष्ट्र, 25 जून . संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों की अंडर-सेक्रेटरी रोजमेरी डिकार्लो ने ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने के लिए कूटनीति और बातचीत पर जोर दिया है.

‘सिन्हुआ न्यूज एजेंसी’ के अनुसार सिक्योरिटी काउंसिल को उसके प्रस्ताव 2231 के कार्यान्वयन पर जानकारी देते हुए डिकार्लो ने दुख जताया कि इस प्रस्ताव की शर्तों की समाप्ति में अब चार महीने से भी कम समय बचा है, लेकिन इसके उद्देश्य और ईरानी न्यूक्लियर डील के लक्ष्य अब तक पूरी तरह से हासिल नहीं हो पाए हैं.

प्रस्ताव 2231, साल 2015 में ईरान और छह विश्व शक्तियों (ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका) के बीच हुई न्यूक्लियर डील का समर्थन करता है.

रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को पूरी तरह से शांतिपूर्ण बनाने के लिए 2015 के ग्रीष्मकाल में अपनाई गई न्यूक्लियर डील को अपनी शुरुआत से ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इन चुनौतियों में 2018 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान एग्रीमेंट से संयुक्त राज्य अमेरिका का हटना भी शामिल है.

पिछले कुछ महीनों के दौरान, इस समझौते के प्रतिभागियों, जिसे औपचारिक रूप से संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) के नाम से जाना जाता है, उन्होंने इस योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए आगे का रास्ता खोजने की कोशिशों को तेज किया है.

इसके अलावा, ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया. डिकार्लो ने कहा, “दुर्भाग्यवश, इन प्रयासों में से कोई भी ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने के लिए ठोस रास्ता नहीं निकाल सका.”

डिकार्लो ने कहा कि 13 जून के बाद से इजरायल और ईरान के बीच सैन्य तनाव, और शनिवार (न्यूयॉर्क समयानुसार) को ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिका के हवाई हमलों ने प्रस्ताव 2231 के पूर्ण कार्यान्वयन की संभावनाओं को और मुश्किल बना दिया है. सोमवार को कतर स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान के हमले ने पहले से ही तनावपूर्ण क्षेत्र में असुरक्षा की स्थिति को और बढ़ाया है.

रोजमेरी डिकार्लो ने कहा कि सोमवार को अमेरिका के कतर के साथ समन्वय में इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम समझौते की घोषणा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो संभावित रूप से ईरान, इजरायल और पूरे क्षेत्र को टकराव के कगार से वापस खींच सकती है.

डिकार्लो के अनुसार बीते 12 दिन संघर्ष के बाद, युद्धविराम समझौता एक खतरनाक मंजर से बचने और ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम का शांतिपूर्ण समाधान हासिल करने का एक मौका है.

उन्होंने कहा, “ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की विशेष रूप से शांतिपूर्ण प्रकृति सुनिश्चित करने और ईरान के लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए कूटनीति, संवाद और सत्यापन सबसे अच्छा विकल्प है. संयुक्त राष्ट्र क्षेत्र में शांति, संवाद और स्थिरता को बढ़ावा देने वाले सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है.”

दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा का स्वागत किया है. गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि गुटेरेस ने इजरायल और ईरान से युद्ध विराम का पूरी तरह से सम्मान करने और लड़ाई बंद करने का आग्रह किया है. दोनों देशों के लोग पहले ही बहुत कुछ झेल चुके हैं.

प्रवक्ता ने कहा, “महासचिव को उम्मीद है कि इस युद्ध विराम को क्षेत्र में अन्य संघर्षों में भी दोहराया जा सकता है.”

आरएसजी/एएस

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