सहारनपुर, 23 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे मुल्क को झकझोर कर रख दिया है. आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है. इस अमानवीय और जघन्य हमले की देश के तमाम धर्मगुरुओं ने कड़ी निंदा की है. विशेष तौर पर सहारनपुर में जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध देवबंदी उलमा मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और गुस्सा जाहिर किया है.
कारी इसहाक गोरा ने आतंवादी इस घटना पर कहा, ‘यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि इंसानियत का सरासर कत्ल है. पूरे मुल्क के उलेमा इस खबर से सदमे में हैं. हम यह समझने में असमर्थ हैं कि ऐसे लोग किस जमीर और सोच से ताल्लुक रखते हैं जो बेगुनाहों की जान लेने से भी नहीं चूकते.”
उन्होंने आगे कहा कि इस हमले का दुख शब्दों में बयान करना मुश्किल है और इस अमल की जितनी भी मजम्मत की जाए, वह कम है. उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषी कोई भी हों, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि इंसानियत का सरासर कत्ल है.
उन्होंने आगे कहा कि हमारा मुल्क अमन का मुल्क है, यहां पर आतंवाद की कोई गुंजाइश नहीं है. मैं सरकार से मांग करता हूं कि दोषियों को ढूंढ-ढूंढकर सजा देनी चाहिए और इन्हें कटघरे में लाकर सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि इंसाफ हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे हमले न केवल मुल्क की अमन-पसंद तहरीकों को चोट पहुंचाते हैं, बल्कि मजहब और इंसानियत दोनों को बदनाम करने की साजिश होते हैं. उन्होंने सभी धर्मों के रहनुमाओं और अवाम से अपील की कि वे मिलकर नफरत और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं.
यह वक्त है जब पूरी इंसानियत को एकजुट होकर यह पैगाम देना चाहिए कि आतंकवाद किसी मजहब या कौम का नहीं होता, बल्कि वह एक वहशियाना सोच है, जिसका हर सूरत में विरोध होना चाहिए.
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एफजेड/
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