नई दिल्ली, 29 मई . नागरिक सुरक्षा की दूसरी मॉकड्रिल “ऑपरेशन शील्ड”, जो पहले 29 मई को आयोजित होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दी गई थी. अब यह 31 मई को आयोजित की जाएगी.
यह मॉक ड्रिल पाकिस्तान से सटे सभी पश्चिमी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की जाएगी, जिनमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात शामिल हैं. इस अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों की जांच करना है.
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास नागरिकों, सुरक्षाबलों और प्रशासनिक एजेंसियों के बीच तालमेल और प्रतिक्रिया प्रणाली को परखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होगा.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट मोड पर है. इसी बीच बताया गया था कि पाकिस्तानी सीमा से सटे राज्यों में गुरुवार को मॉक ड्रिल किया जाएगा.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिसमें 300 से 400 ड्रोन भेजे गए. हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन ड्रोन को प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया.
यह हमला जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब के कई सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर किया गया था. ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमले की कोशिश के कारण जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान के कई इलाकों में ब्लैकआउट और सायरन बजने लगे थे.
इसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में अफरा-तफरी मच गई थी. इसी बीच पाकिस्तान के आग्रह पर भारतीय सैन्य अधिकारियों ने वार्ता की हामी भरी और दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा की गई.
बाद में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भी नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले की बात को स्वीकार किया था. शरीफ ने यह बयान “यौम-ए-तशाकुर” नामक समारोह में अपने भाषण के दौरान दिया था.
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डीएससी/एबीएम
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