क्वेटा, 13 अगस्त . प्रमुख बलूच मानवाधिकार रक्षक मीर यार बलूच ने Wednesday को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को बलूचिस्तान के विशाल और अप्रयुक्त खनिज संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करके एक ‘रणनीतिक भूल’ की है.
मीर ने कहा कि बलूचिस्तान अपने दुर्लभ खनिजों का दोहन पाकिस्तान को ऐसे उद्देश्यों के लिए नहीं करने देगा, जो वैश्विक शांति और स्थिरता को कमजोर करें.
मानवाधिकार कार्यकर्ता के अनुसार, इस आश्वासन के महज 48 घंटे के भीतर ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने खुलेआम धमकी दी है कि वह आधी दुनिया को परमाणु हथियारों से तबाह कर देंगे. इसके साथ ही उन्होंने भारत की संप्रभु सीमा के भीतर बड़े बांधों को नष्ट करने की कसम खाई.
मीर ने बताया कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस ‘लापरवाह और खतरनाक बयानबाजी’ को बढ़ावा दिया.
मीर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “दुनिया, खासतौर पर अमेरिका ने अतीत में पाकिस्तान की परमाणु हथियारों तक पहुंच को नजरअंदाज कर एक गंभीर गलती की, जो आज पूरे क्षेत्र में शांति के लिए एक गंभीर खतरा और बोझ बन चुकी है.”
मीर ने कहा, “पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार का अब बेतहाशा प्रचार किया जा रहा है, उनके प्रधानमंत्री बार-बार ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की वकालत करते हैं. ईरान खुलेआम अमेरिका के सहयोगी इजरायल को दुनिया के नक्शे से मिटा देने की धमकी देता है, जबकि पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने ‘आधी दुनिया’ को परमाणु विनाश में धकेलने की बात कही है.”
मीर ने चिंता जताते हुए कहा कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका पाकिस्तान को बलूचिस्तान के विशाल खनिज संसाधनों तक उसकी पहुंच प्रदान करता है, तो यह एक लापरवाह कदम होगा, जो न केवल पाकिस्तान, बल्कि बाकी दुनिया को विनाश में धकेल सकता है. इसी खतरे का संकेत सेना प्रमुख असीम मुनीर पहले ही दे चुके हैं.
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तानी चरमपंथियों को बलूचिस्तान के तेल, गैस, यूरेनियम, सोना, चांदी, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिज संसाधनों पर अवैध कब्जा करने की इजाजत दी गई, तो उनके आतंकवाद का स्तर विनाशकारी रूप ले लेगा, जो न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरी दुनिया को खतरे में डाल देगा.
मीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार करना, उसकी आतंकवादी सेना को हथियार देना, या किसी भी रूप में उसके साथ साझेदारी करना, महज ‘लापरवाही’ नहीं, बल्कि ‘वैश्विक आत्मविनाश’ का कार्य है. एक ऐसा दांव है, जो वैश्विक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हुए पूरी मानवता की सुरक्षा को खतरे में डालेगा.
उन्होंने कहा, “एक जिम्मेदार देश होने के नाते, बलूचिस्तान गणराज्य क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है. उसके लोग कभी भी अपने दुर्लभ खनिज संसाधनों को पाकिस्तान की कट्टरपंथी सेना द्वारा लूटे जाने की इजाजत नहीं देंगे, ताकि वह परमाणु धमकियों को वित्तपोषित कर सके, 9/11 जैसी एक और साजिश रच सके, या आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गहराई से छिपे हुए हैं, उसे शरण देना जारी रख सके.”
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आरएसजी
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