लखनऊ, 25 जून . एक्सिओम-4 मिशन के साथ भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर पूरा देश गर्व कर रहा है. बेटे को अंतरिक्ष के सफर पर जाता देखकर उनकी मां आशा शुक्ला उड़ान के समय भावुक हो गईं. पिता का सीना चौड़ा था और वह खुशी से झूम रहे थे. परिवार ने जश्न मनाने के साथ शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन की प्रार्थना की.
लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला के परिवार ने फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम 4 का प्रक्षेपण देखा. मिशन के उड़ान भरने पर शुभांशु शुक्ला के माता-पिता और रिश्तेदार जश्न मनाते हुए नजर आए. मिशन की लॉन्चिंग के समय शुभांशु की मां आशा शुक्ला भावुक थीं. उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. अपने बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते देखकर वह अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं.
न्यूज एजेंसी से बातचीत में शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा कि आज कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं. बहुत खुशी का दिन है. महीनेभर से इस पल का इंतजार हो रहा था. अपने बेटे को देखकर थोड़ा भावुक हूं. प्रार्थना है कि वह सफल होकर अंतरिक्ष से लौटे.
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने से बात करते हुए कहा कि हम बहुत खुश हैं. भगवान का धन्यवाद देते हैं. भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ये मिशन सफल रहे.
शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने कहा, “शायद सिर्फ आंसू ही उस पल को बयां कर सकते हैं, क्योंकि मैं वास्तव में इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती. मैं बस यही चाहती हूं कि उनके लिए सब कुछ ठीक हो और वह सुरक्षित वापस लौट आएं.” शुभांशु के परिवार की एक महिला ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और हम नाच रहे हैं.
शुभांशु शुक्ला की उड़ान राकेश शर्मा के बाद 41 साल में भारत की अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है. पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी.
–
डीसीएच/एएस
You may also like
1983 विश्व कप की जीत की 42वीं वर्षगांठ पर तेंदुलकर ने कहा:'उस पल ने एक सपना जगाया, जिसने मेरी यात्रा शुरू की'
नोएडा: 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' पॉलिसी का कड़ाई से पालन, ब्लैक स्पॉट की संख्या कम करने के निर्देश
कांग्रेस के नेताओं की मानसिकता आज भी अलोकतांत्रिक : रणधीर शर्मा
बाहरियों की तुलना में स्थानीय युवाओं को नहीं मिल पा रहा राेजगार : इरफान
(अपडेट) जयपुर-अजमेर हाईवे पर मेथेनॉल से भरा टैंकर पलटा, आग में जिंदा जला चालक