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मेंढर सेक्टर में पोर्टर भर्ती: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारतीय सेना की इस सेवा से जुड़ने को युवा उत्साहित

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मेंढर,11 अगस्त . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद मेंढर सेक्टर में भारतीय सेना की ओर से आयोजित पोर्टर भर्ती ने स्थानीय युवाओं में खासा उत्साह पैदा किया है. इस भर्ती में सीमा से सटे गांवों बालाकोट, मानकोट, बलनोई और अन्य क्षेत्रों सहित विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया.

भारतीय सेना की ओर से पोर्टर भर्ती कराने के पीछे बेरोजगार युवाओं को रक्षा पोर्टर के रूप में रोजगार प्रदान करना है. सीमा से सटे गांवों में रहने वाले युवाओं ने आर्मी की इस पहल की सराहना की है. साथ ही मांग की है कि भविष्य में वेकेंसी की संख्या बढ़ाई जाए और नियमित रूप से ऐसी भर्तियां आयोजित की जाएं जिससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सके.

आसिफ महमूद ने से बातचीत में कहा कि यह भर्ती मेंढर सेक्टर में चल रही है. इस भर्ती में जम्मू, पूंछ, बालाकोट और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में युवाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया है. यह भर्ती ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आयोजित की गई, जिसने स्थानीय युवाओं को रोजगार और सेना के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान किया.

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना की इस पहल के लिए स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया है.

मजहर इकबाल ने भारतीय सेना की ओर से आयोजित की गई पोर्टर भर्ती की सराहना करते हुए कहा कि सीमा के निकट रहने वाले लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है. उन्होंने बताया कि साल में दो से तीन बार होने वाली ऐसी भर्तियां बेरोजगार युवाओं को सेना के साथ जुड़कर अपनी आजीविका चलाने का मौका देती हैं.

उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों की बेरोजगारी की समस्या को उजागर करते हुए कहा कि यह भर्ती न केवल रोजगार प्रदान करती है, बल्कि युवाओं को नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रखने में भी मदद करती है. उन्होंने सेना से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक युवाओं को भर्ती में मौका दिया जाए और पोर्टर भर्ती के साथ-साथ अन्य प्रकार की भर्तियां भी आयोजित की जाएं, ताकि युवा अपने जीवन को बेहतर बना सकें.

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की भी प्रशंसा की और कहा कि पूरा देश अपनी सेना के साथ खड़ा है.

डीकेएम/केआर

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