ढाका, 2 सितम्बर . उत्तरी बांग्लादेश में फैक्ट्री बंदी और छंटनी के विरोध में Tuesday को श्रमिकों और कानून प्रवर्तन कर्मियों के बीच झड़प में एक श्रमिक की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, रंगपुर संभाग के निलफामारी जिले स्थित निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (ईपीजेड) में मजदूर इकट्ठा हुए थे, जहां उनकी सुरक्षा अधिकारियों से झड़प हो गई.
प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक, ‘प्रोथोम आलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 20 वर्षीय हबीबुर रहमान के रूप में हुई है, जो एकू इंटरनेशनल नामक एक बुनाई कारखाने में काम करता था.
मृतक के बड़े भाई, आशिकुर रहमान ने कहा, “हबीबुर अपनी फैक्ट्री में रात की ड्यूटी पर था. आज सुबह काम खत्म करने के बाद, ईपीजेड से निकलते समय उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.”
‘प्रोथोम आलो’ से बात करते हुए, निलफामारी सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) एमआर सईद ने कहा, “हम अभी भी सड़क पर हैं. हमें लोगों से खबर मिल रही है कि एक व्यक्ति की मौत हो गई है. मैं निश्चित रूप से नहीं कह सकता कि कोई मरा है या नहीं.”
रिपोर्टों से पता चला कि घायल मजदूरों को निलफामारी जनरल अस्पताल ले जाया गया है.
अस्पताल के आपातकालीन विभाग के डॉक्टर फरहान तनवीरुल इस्लाम के अनुसार, हबीबुर को Tuesday सुबह मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था और छह अन्य घायलों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल ही में एवरग्रीन फैक्ट्री से 51 कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई थी, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया.
तनाव बढ़ने पर, प्रबंधन ने Tuesday से अनिश्चित काल के लिए फैक्ट्री बंद करने की घोषणा करते हुए एक नोटिस जारी कर दिया, लेकिन कर्मचारियों के वेतन और भत्ते का भुगतान नहीं किया.
Tuesday सुबह, जब कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे, तो उन्हें गेट पर नोटिस मिला और उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया गया. इसके तुरंत बाद, वे विरोध में ईपीजेड के सामने सड़क पर इकट्ठा हो गए, जिससे निलफामारी-सैदपुर राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया.
सेना और पुलिस के सदस्य उन्हें तितर-बितर करने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन कथित तौर पर उत्तेजित कर्मचारियों ने उन पर हमला कर दिया, जिससे दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई.
बांग्लादेश भर में कई फैक्ट्रियों के बंद होने से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें कई कर्मचारियों की या तो जान चली गई है या वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
हाल ही में, अवामी लीग ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पिछले एक साल में, देश भर में 500 से ज्यादा कारखाने बंद हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1,20,000 श्रमिक बेरोजगारी की ओर धकेले गए हैं, जबकि कइयों की नौकरी की तलाश खत्म नहीं हुई और वो बैरंग अपने गांव लौटने को मजबूर हो गए.
पिछले महीने, सैकड़ों रेडीमेड गार्मेंट (आरएमजी) श्रमिकों ने गाजीपुर जिले में ढाका-मयमनसिंह राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया था, सड़कें जाम कर बंद कारखानों को फिर से खोलने और अपने लंबित वेतन का तत्काल भुगतान करने की मांग की थी.
अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से, बकाया भुगतान न मिलने और बिगड़ती कामकाजी परिस्थितियों को लेकर श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन और हड़ताल ने पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.
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केआर/
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