बिहार में चुनावी तैयारियों की हलचल के बीच एक बड़ा बदलाव सामने आया है। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान राज्यभर में 17 लाख 37 हजार 336 मतदाताओं ने अपना स्थान बदला है। यह बदलाव केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों की दैनिक ज़िंदगी, पहचान और लोकतांत्रिक भागीदारी से जुड़ा है, जो अब नए ठिकानों पर जाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने सभी जिलों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्थानांतरित हो चुके प्रत्येक मतदाता का विवरण सही और अद्यतन रूप में दर्ज किया जाए। यह निर्देश चुनाव आयोग के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत पुनरीक्षण कार्यक्रम से मिले हर आंकड़े को राजनीतिक दलों को भी साझा किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और सभी पक्षों को जानकारी समय पर उपलब्ध हो सके।
सीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में गणना फॉर्म भरने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, जिससे साफ है कि गांवों में लोग अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी के प्रति सजग हैं। लेकिन दूसरी ओर, शहरी इलाकों में यह कार्य अपेक्षाकृत धीमा चल रहा है। यही कारण है कि गुरुवार से विशेष शिविरों के जरिए शहरी क्षेत्रों में फॉर्म वितरण और संग्रह का अभियान तेज़ किया गया है।
मोकामा की रेलवे कॉलोनी के सभी 207 मतदाता हुए स्थानांतरित
पटना जिले के मोकामा क्षेत्र से चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यहां की रेलवे कॉलोनी स्थित बूथ संख्या 157 के सभी 207 मतदाता अब दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं। यह पूरी की पूरी कॉलोनी अब मतदाता सूची के एक नए पते के तहत दर्ज की जा रही है।
इसी तरह पटना के अन्य इलाकों में भी व्यापक बदलाव देखे गए हैं। दीघा क्षेत्र के बूथ संख्या 28 के 330 मतदाता ‘अटल पथ’ के निर्माण के कारण शिफ्ट हो चुके हैं, जबकि नकटा दियारा के बूथ संख्या 213 के 80 मतदाता सारण जिले की सीमा में चले गए हैं। अटल पथ के कारण ही बूथ संख्या 342 के 350 मतदाता और धोबी घाट के 227 वोटर भी दूसरे स्थानों पर स्थानांतरित हुए हैं।
झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में रहने वाले भी इस बदलाव से अछूते नहीं हैं। बूथ संख्या 215 में शामिल 340 झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को अब नए पते पर दर्ज किया जा रहा है। यह बदलाव, शहरी विकास और पुनर्वास की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण लेकिन संवेदनशील हिस्सा है।
सीईओ कार्यालय के अनुसार, पूरे राज्य में यह पुनरीक्षण कार्य बेहद सजगता और पारदर्शिता से चल रहा है, ताकि एक भी मतदाता सूची से बाहर न रह जाए।
सीईओ का आग्रह – मतदाता फॉर्म समय पर भरें, ताकि न छूटे आपका वोट
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने अपील करते हुए कहा है कि शहरी क्षेत्र के सभी मतदाता गणना फॉर्म अपने संबंधित बीएलओ से प्राप्त करें और उसे समय पर जमा करें, या फिर ऑनलाइन फॉर्म भरें। ऐसा न करने पर मतदाता सूची से नाम छूट सकता है और फिर वे आगामी चुनाव में मतदान से वंचित रह सकते हैं।
गौरतलब है कि जो नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल होंगे, उन्हीं को अंतिम सूची में जगह मिलेगी। इसलिए यह कार्य केवल प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी बनाए रखने का अवसर भी है।
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