हम सब जानते हैं कि शरीर के लिए पानी कितना जरूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी पीने का तरीका भी आपकी सेहत को सीधे प्रभावित कर सकता है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर हम पानी पीने में कुछ बुनियादी गलतियां करते हैं, तो उसका असर पाचन से लेकर किडनी और हृदय तक पर पड़ सकता है।
आज हम बता रहे हैं पानी पीते समय की 5 ऐसी आम गलतियों के बारे में, जिन्हें हम रोज़ाना दोहराते हैं, और जिन्हें सुधारने से सेहत में बड़ा बदलाव आ सकता है।
1. खड़े होकर पानी पीना
यह सबसे आम लेकिन सबसे हानिकारक आदतों में से एक है।
आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से पानी सीधे शरीर में तेज़ी से प्रवेश करता है, जिससे जोड़ों में दर्द, पाचन संबंधी समस्याएं और गुर्दों पर दबाव बढ़ सकता है।
आयुर्वेदाचार्य कहती हैं, “बैठकर धीरे-धीरे पानी पीने से शरीर उसे बेहतर तरीके से अवशोषित करता है और पाचन तंत्र को सहारा मिलता है।”
2. बहुत ठंडा पानी पीना
गर्मी के मौसम में फ्रिज से निकाला गया बर्फीला पानी भले ही राहत देता हो, लेकिन यह पाचन क्रिया को धीमा कर देता है।
ठंडा पानी पीने से गैस्ट्रिक जूस का संतुलन बिगड़ता है, जिससे पेट फूलना, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूम टेम्परेचर का या हल्का गुनगुना पानी शरीर के लिए सबसे बेहतर होता है, खासकर भोजन के आसपास।
3. भोजन के तुरंत पहले या बाद में पानी पीना
खाना खाने से बिल्कुल पहले या तुरंत बाद पानी पीने से पाचन एंजाइम्स कमजोर पड़ जाते हैं, जिससे भोजन पचने में दिक्कत होती है और पोषक तत्वों का अवशोषण बाधित होता है।
यह आदत धीरे-धीरे पेट की चर्बी बढ़ाने, कब्ज और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती है।
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि भोजन के 30 मिनट पहले और 40-45 मिनट बाद पानी पिएं।
4. बहुत ज्यादा पानी एक साथ पी लेना
कुछ लोग मानते हैं कि एक बार में 3–4 ग्लास पानी पी लेना हेल्दी है, लेकिन यह एक भ्रामक अवधारणा है।
शरीर को जितनी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, वह धीरे-धीरे दिनभर में पीने पर ही सही तरीके से काम करता है।
बहुत ज्यादा पानी एक साथ पीने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, ब्लोटिंग, और वॉटर इनटॉक्सिकेशन जैसी दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है।
5. प्यास न लगने पर भी जबरदस्ती पानी पीना
हाल के वर्षों में सोशल मीडिया और हेल्थ ऐप्स ने “8–10 ग्लास ज़रूरी” का चलन बढ़ा दिया है। लेकिन हर व्यक्ति की जरूरत अलग होती है — उम्र, मौसम, शारीरिक गतिविधि और आहार के आधार पर।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शरीर की प्यास का संकेत समझना जरूरी है। जबरदस्ती पानी पीने से किडनी पर ज़रूरत से ज़्यादा दबाव पड़ सकता है।
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