भोपालः मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ था। जिसमें एक स्कूल बस ने कई राहगीरों को कुचल दिया था। इस हादसे ने एक युवा महिला डॉक्टर की जान ले ली थी। वह बस भले स्कूल के बच्चों के लिए हो, लेकिन हादसे के दिन उसमे बाराती भरे हुए थे। यह खुलासा आरोपी ड्राइवर ने किया है। पुलिस ने स्कूल के चालक विशाल बैराागी को गिरफ्तार कर लिया है।दरअसल, भोपाल के बाणगंगा में 12 मई को स्कूल बस से डॉक्टर आयशा को कुचलने वाला आरोपी ड्राइवर घटना के बाद से फरार था। वह बैरसिया रोड पर स्थित दिल्लौद गांव में छिपा हुआ था। आरोपी पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का केस दर्ज किया गया है। बच्चों की जगह सवार थे बरातीप्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ड्राइवर ने बताया है कि रविवार रात को करीब 30 बारातियों के साथ बस कोलार लाया था। यहां शादी अटैंड करने के बाद अगली सुबह सोमवार को बारात लेकर बैरसिया के लिए रवाना हुआ था। इसी दौरान पॉलिटैक्निक की ओर जाने वाली सड़क पर पीतल मंदिर के करीब घाटी पर बस के ब्रेक फैल हो गए। इसके चलते उसने इतने लोगों को कुचल दिया। हादसे के बाद बस छोड़कर हुआ फरारबस डिवाइडर से टकराकर रुकी और हादसे के बाद सभी बाराती मौके से चले गए। इसी बीच वह भी बस छोड़कर फरार हो गया। पैदल हलालपुरा बस स्टैंड तक पहुंचा। यहां से बस से अपने गांव चला गया। उसने पुलिस को यह भी बताया कि लोगों को बचाने के प्रयास में उसने हादसे के पूर्व काफी आवाजें दीं, लेकिन सिग्नल रेड होने के कारण किसी को हटने का मौका नहीं मिला। बारात में लेकर गया था स्कूल बसपुलिस के अनुसार आरोपी विशाल ने कबूल किया है कि वह गांव के एक पटेल की प्राइवेट कार को चलाता है। उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी कमर्शियल नहीं है। उसने बताया है कि प्रवेश नागर ने प्रदीप पांडे से बस को खरीदा था। प्रवेश के पास दो और बस हैं। वह गांव में होने वाले आयोजनों के लिए बसों को किराए पर देता है। उस दिन 15 हजार रुपए में प्रवेश ने बैरसिया के एक गांव से कोलार तक बस लाने और ले जाने के लिए किराए पर दी थी। पुलिस ने कराया मेडिकलपुलिस ने जब आरोपी से हैवी व्हीकल लाइसेंस मांगा तो वह गुमराह करने की कोशिश करता रहा। इसके साथ ही पुलिस ने ड्राइवर का मेडिकल कराया है। ताकि पता चल सके कि हादसे के समय उसने कहीं शराब तो नहीं पी थी। इसके साथ ही पुलिस यह पता लगा रही है कि सच में ब्रेक फेल हुए थे या चालक ने नशे में घटना को अंजाम दिया है। गौरतलब है कि पुलिस ने हादसे के बाद श्री नंदा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी को आरोपी बनाया है। इस समिति में सचिव प्रदीप पांडे सहित कुल आठ लोग हैं। सभी की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है। जांच में इस बात का खुलासा होता है कि समिति के सभी सदस्यों की सहमति से बस को बेचा गया तो सभी को आरोपी बनाया जाएगा।
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