जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हर तरह की नौकरियों को प्रभावित कर रहा है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चला है कि जनरेटिव (एआई की वजह से दक्षिण एशिया में व्हाइट-कॉलर जॉब्स की लिस्टिंग में 20% की गिरावट आई है। साथ ही AI Skill वालों की सैलरी 30% तक बढ़ी है।
विश्व बैंक की यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि एआई सिर्फ टेक इंडस्ट्री पर ही असर नहीं डाल रहा है। प्रशासनिक, मैनेजमेंट या प्रोफेशनल समेत अलग-अलग फील्ड की नौकरियां इसकी रेडार में हैं। ये एआई का दौर है, जिसमें एआई स्किल वालों को फायदा और बिना स्किल वालों को नुकसान झेलना पड़ेगा। अगर आप भी एआई युग के लिए तैयार रहना चाहते हैं तो NBT Upskill AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप मदद कर सकती है।
75% बढ़ी AI स्किल वालों की डिमांडरिपोर्ट में कहा गया बिजनेस सर्विस, कॉमर्स और सरकारी विभाग जैसे क्षेत्रों में एआई की वजह नौकरियों में कमी देखी जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर एआई स्किल वालों को मौके मिल रहे हैं। जनवरी 2023 और मार्च 2025 के बीच, दक्षिण एशिया में एआई से संबंधित जॉब पोस्टिंग का हिस्सा 2.9% से बढ़कर 6.5% हो गया।
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया डेवलेपमेंट अपडेट के अनुसार, इस अवधि के दौरान एआई कौशल की मांग गैर-एआई लिस्टिंग की तुलना में 75% अधिक तेजी से बढ़ी। अकेले भारत में, अनुमानित 5.8% नौकरी लिस्टिंग में एआई स्किल की आवश्यकता थी, जिसमें बेंगलुरु और हैदराबाद सबसे आगे हैं।
व्हाइट-कॉलर जॉब कौन-सी होती हैं?व्हाइट-कॉलर जॉब उन नौकरियों को कहा जाता है जिनमें लोग पेंट-शर्ट और टाई पहनकर ऑफिस वर्क करते हैं। इनमें प्रशासनिक, मैनेजमेंट या प्रोफेशनल नौकरियां आती हैं। व्हाइट-कॉलर जॉब करने वालों का काम टेक्निकल और प्रोफेशनल स्किल्स वाला होता है। एचआर प्रोफेशनल, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, आईटी कंसल्टेंट, डॉक्टर, वकील, शिक्षक, चार्टर्ड अकाउंटेंट नौकरियों को व्हाइट-कॉलर जॉब माना जाता है।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों की नौकरियों पर ज्यादा खतरारिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गावों के मुकाबले शहरों की नौकरियों पर एआई का अधिक असर देखा गया है। स्टडी में महिलाओं और पुरुषों की नौकरियों की तुलना भी की गई। इससे पता चला कि एआई के आने से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की नौकरियों पर ज्यादा खतरा है, क्योंकि श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी कम बनी हुई है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि एआई को अपनाने के कारण आईटी, फाइनेंस और प्रोफेशनल्स सर्विस में प्रोडक्टविटी बढ़ी है। हालांकि, यह इस बात पर जोर देती है कि इन लाभों को प्राप्त करने के लिए डिजिटल और एनर्जी इफ्रांस्टक्चर के साथ-साथ स्किल और अच्छी प्लानिंग की भी जरूरत है। तकनीकी बदलाव में एआई अपस्किलिंग और रीस्किलिंग सीखना बहुत जरूरी हो गया है।
विश्व बैंक की यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि एआई सिर्फ टेक इंडस्ट्री पर ही असर नहीं डाल रहा है। प्रशासनिक, मैनेजमेंट या प्रोफेशनल समेत अलग-अलग फील्ड की नौकरियां इसकी रेडार में हैं। ये एआई का दौर है, जिसमें एआई स्किल वालों को फायदा और बिना स्किल वालों को नुकसान झेलना पड़ेगा। अगर आप भी एआई युग के लिए तैयार रहना चाहते हैं तो NBT Upskill AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप मदद कर सकती है।
75% बढ़ी AI स्किल वालों की डिमांडरिपोर्ट में कहा गया बिजनेस सर्विस, कॉमर्स और सरकारी विभाग जैसे क्षेत्रों में एआई की वजह नौकरियों में कमी देखी जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर एआई स्किल वालों को मौके मिल रहे हैं। जनवरी 2023 और मार्च 2025 के बीच, दक्षिण एशिया में एआई से संबंधित जॉब पोस्टिंग का हिस्सा 2.9% से बढ़कर 6.5% हो गया।
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया डेवलेपमेंट अपडेट के अनुसार, इस अवधि के दौरान एआई कौशल की मांग गैर-एआई लिस्टिंग की तुलना में 75% अधिक तेजी से बढ़ी। अकेले भारत में, अनुमानित 5.8% नौकरी लिस्टिंग में एआई स्किल की आवश्यकता थी, जिसमें बेंगलुरु और हैदराबाद सबसे आगे हैं।
व्हाइट-कॉलर जॉब कौन-सी होती हैं?व्हाइट-कॉलर जॉब उन नौकरियों को कहा जाता है जिनमें लोग पेंट-शर्ट और टाई पहनकर ऑफिस वर्क करते हैं। इनमें प्रशासनिक, मैनेजमेंट या प्रोफेशनल नौकरियां आती हैं। व्हाइट-कॉलर जॉब करने वालों का काम टेक्निकल और प्रोफेशनल स्किल्स वाला होता है। एचआर प्रोफेशनल, मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव, एकाउंटेंट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, आईटी कंसल्टेंट, डॉक्टर, वकील, शिक्षक, चार्टर्ड अकाउंटेंट नौकरियों को व्हाइट-कॉलर जॉब माना जाता है।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों की नौकरियों पर ज्यादा खतरारिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गावों के मुकाबले शहरों की नौकरियों पर एआई का अधिक असर देखा गया है। स्टडी में महिलाओं और पुरुषों की नौकरियों की तुलना भी की गई। इससे पता चला कि एआई के आने से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की नौकरियों पर ज्यादा खतरा है, क्योंकि श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी कम बनी हुई है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि एआई को अपनाने के कारण आईटी, फाइनेंस और प्रोफेशनल्स सर्विस में प्रोडक्टविटी बढ़ी है। हालांकि, यह इस बात पर जोर देती है कि इन लाभों को प्राप्त करने के लिए डिजिटल और एनर्जी इफ्रांस्टक्चर के साथ-साथ स्किल और अच्छी प्लानिंग की भी जरूरत है। तकनीकी बदलाव में एआई अपस्किलिंग और रीस्किलिंग सीखना बहुत जरूरी हो गया है।
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