नई दिल्ली: 15 अगस्त को लेकर चल रहे सुरक्षा इंतजामों की एक्सरसाइज में नॉर्थ जिले की पुलिस ने एक रोहिंग्या समेत 21 बांग्लादेशियों को पकड़ा है। इनमें एक ट्रांसजेंडर भी है। जो अलग-अलग लाल बत्ती पर लोगों से पैसे वसूलता था। स्वतंत्रता दिवस को लेकर लाल किला समारोह की सुरक्षा तैयारियों से पहले पुलिस की यह कार्रवाई बेहद अहम मानी जा रही है। संदिग्धों की पहचान के लिए फुल स्केल पर होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला, दुकान, मकान, सार्वजनिक जगहों पर लगातार मौजूद रहने वालों का वेरिफिकेशन चल रहा है।इसी एक्सरसाइज के तहत नॉर्थ जिले की पुलिस ने अलग-अलग हिस्सों से 1 रोहिंग्या और 20 अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
वेरिफिकेशन से हुई बंग्लादेशियों की पहचान
उत्तरी जिला पुलिस अधिकारी का कहना है कि जब से दिल्ली एनसीआर में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर धरपकड़ शुरू हुई। इन लोगों को भनक लग गई। पुलिस से बचने के लिए आए दिन अपना ठिकाना बदल देते थे। यह लोग धार्मिक स्थलों के आसपास भीड़-भाड़ में घुल मिल कर रह रहे थे। पकड़े गए सभी को पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी है। टीम ने एफआरआरओ को सूचना दे दी है। इनको डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। छानबीन के दौरान टीम को पता चला है कि पकड़े गए सभी लोग प्रतिबंधित IMO ऐप के जरिए बांग्लादेश स्थित अपने परिवार, रिश्तेदार, जानकारों से संपर्क में थे। पकड़े गए 21 लोगों में 1 रोहिंग्या के अलावा 20 बांग्लादेशी हैं। जिसमें 16 मेल, 3 फीमेल हैं। एक ट्रांसजेंडर हैं।
निगरानी से बचने के लिए बदल रहे थे ठिकाने
निगरानी से बचने के लिए ग्रुप में बंटकर सदर बाजार, चांदनी चौक, लाहौरी गेट और अन्य अलग-अलग एरिया में रहने लगे थे। टीम इन दिनों डोर-टु-डोर जांच कर रही है। गली-मोहल्लों में दुकानदारों, विशेषकर किराना दुकानदारों और फल विक्रेताओं से पूछताछ कर संदिग्ध गतिविधियों और परिवारों की उपस्थिति का पता लगाया जा रहा है। खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश से बॉर्डर पार कराने को बिचौलिया इनसे 1500 से 2500 रुपये लेता है। बॉर्डर पार करने के बाद वेस्ट बंगाल होते हुए वाया ट्रेन दिल्ली और बाकी हिस्सों में पहुंच जाते हैं।
वेरिफिकेशन से हुई बंग्लादेशियों की पहचान
उत्तरी जिला पुलिस अधिकारी का कहना है कि जब से दिल्ली एनसीआर में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान कर धरपकड़ शुरू हुई। इन लोगों को भनक लग गई। पुलिस से बचने के लिए आए दिन अपना ठिकाना बदल देते थे। यह लोग धार्मिक स्थलों के आसपास भीड़-भाड़ में घुल मिल कर रह रहे थे। पकड़े गए सभी को पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी है। टीम ने एफआरआरओ को सूचना दे दी है। इनको डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। छानबीन के दौरान टीम को पता चला है कि पकड़े गए सभी लोग प्रतिबंधित IMO ऐप के जरिए बांग्लादेश स्थित अपने परिवार, रिश्तेदार, जानकारों से संपर्क में थे। पकड़े गए 21 लोगों में 1 रोहिंग्या के अलावा 20 बांग्लादेशी हैं। जिसमें 16 मेल, 3 फीमेल हैं। एक ट्रांसजेंडर हैं।
निगरानी से बचने के लिए बदल रहे थे ठिकाने
निगरानी से बचने के लिए ग्रुप में बंटकर सदर बाजार, चांदनी चौक, लाहौरी गेट और अन्य अलग-अलग एरिया में रहने लगे थे। टीम इन दिनों डोर-टु-डोर जांच कर रही है। गली-मोहल्लों में दुकानदारों, विशेषकर किराना दुकानदारों और फल विक्रेताओं से पूछताछ कर संदिग्ध गतिविधियों और परिवारों की उपस्थिति का पता लगाया जा रहा है। खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश से बॉर्डर पार कराने को बिचौलिया इनसे 1500 से 2500 रुपये लेता है। बॉर्डर पार करने के बाद वेस्ट बंगाल होते हुए वाया ट्रेन दिल्ली और बाकी हिस्सों में पहुंच जाते हैं।