छपराः बिहार में सारण जिले के पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने पटना में तेजस्वी यादव से मिलकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है। मढ़ौरा विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने बागी होकर निर्दलीय नामांकन किया था, लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नामांकन रद्द हो गया।
तेजस्वी यादव से मुलाकात कर राजद में शामिल
अल्ताफ आलम राजू ने अपने पुराने मित्र और तरैया से राजद प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह के साथ पटना में तेजस्वी यादव से मुलाकात कर राजद जॉइन किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी की विचारधारा से प्रेरित होकर उन्होंने यह फैसला लिया, जिसमें शैलेंद्र प्रताप सिंह की अहम भूमिका रही।
2005 में जॉर्ज फर्नांडिस ने दिलाई थी सदस्यता
अल्ताफ ने बताया कि 2005 में, जब जदयू का कोई खास जनाधार नहीं था, तब जॉर्ज फर्नांडिस ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। तब से उन्होंने तन-मन-धन से जदयू के लिए काम किया। हालांकि, 2020 में मढ़ौरा से जदयू प्रत्याशी रहे अल्ताफ को इस बार कथित राजनीतिक साजिश के तहत टिकट से वंचित कर सीट लोजपा (रामविलास) को दे दी गई। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय नामांकन किया, लेकिन वह भी तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया।
जदयू नेतृत्व पर गंभीर आरोप
अल्ताफ ने जदयू नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राजीव रंजन सिंह और विजय चौधरी जैसे नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की "राजनीतिक हत्या" की साजिश रची। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि टिकट कटने के बाद जदयू आलाकमान या किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया। नीतीश कुमार ने उन्हें केवल उर्दू परामर्शदात्री समिति का सदस्य बनाकर सीमित सम्मान दिया। इस घटनाक्रम से मढ़ौरा और आसपास के क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है।
तेजस्वी यादव से मुलाकात कर राजद में शामिल
अल्ताफ आलम राजू ने अपने पुराने मित्र और तरैया से राजद प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह के साथ पटना में तेजस्वी यादव से मुलाकात कर राजद जॉइन किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी की विचारधारा से प्रेरित होकर उन्होंने यह फैसला लिया, जिसमें शैलेंद्र प्रताप सिंह की अहम भूमिका रही।
2005 में जॉर्ज फर्नांडिस ने दिलाई थी सदस्यता
अल्ताफ ने बताया कि 2005 में, जब जदयू का कोई खास जनाधार नहीं था, तब जॉर्ज फर्नांडिस ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। तब से उन्होंने तन-मन-धन से जदयू के लिए काम किया। हालांकि, 2020 में मढ़ौरा से जदयू प्रत्याशी रहे अल्ताफ को इस बार कथित राजनीतिक साजिश के तहत टिकट से वंचित कर सीट लोजपा (रामविलास) को दे दी गई। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय नामांकन किया, लेकिन वह भी तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया।
जदयू नेतृत्व पर गंभीर आरोप
अल्ताफ ने जदयू नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद राजीव रंजन सिंह और विजय चौधरी जैसे नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की "राजनीतिक हत्या" की साजिश रची। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि टिकट कटने के बाद जदयू आलाकमान या किसी वरिष्ठ नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया। नीतीश कुमार ने उन्हें केवल उर्दू परामर्शदात्री समिति का सदस्य बनाकर सीमित सम्मान दिया। इस घटनाक्रम से मढ़ौरा और आसपास के क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना जताई जा रही है।
You may also like

किआ ने निकाला मारुति अर्टिगा का तोड़! 7-सीटर कैरेंस का CNG मॉडल लॉन्च, कीमत और फीचर्स ने बढ़ाया रोमांच

28 अक्टूबर 2025 मीन राशिफल : करियर में सावधानी बरतें, रिश्तों में मधुरता आएगी

28 अक्टूबर 2025 कुंभ राशिफल : करियर में उतार-चढ़ाव रहेगा, हनुमान चालीसा का पाठ करें

आठ सालों से नाक में नहीं आ रही थी गंध, डॉक्टर` ने अंदर देखा तो उड़ गए होश

ये 6 खाद्य पदार्थ शरीर से एसिड कर देते हैं बाहर,` मिलते है और भी कई गजब के फ़ायदें




