छतरपुर: एमपी के पन्ना से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया था। जिसमें एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को आरोपी के घर भेज दिया था। इस गैर जिम्मेदार निर्णय के बाद पीड़िता से फिर दुष्कर्म किया गया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सहित सभी सदस्य, DPO सहित 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
जानकारी अनुसार पुलिस ने बाल कल्याण समिति पन्ना के अध्यक्ष, समिति के पांचों सदस्य, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर के तीन कर्मचारी और एक अन्य महिला के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। मामले में बाल कल्याण समिति के एक सदस्य की गिरफ्तारी की जानकारी भी दी जा रही है। जिसमें सीडब्ल्युसी सदस्य आशीष बॉस का नाम सामने आया हे।
नियमों को ताक पर रखकर फैसले लिए
मामले में पुलिस ने जांच में पाया कि नाबालिग से बलात्कार के मामले में बाल कल्याण समिति ने नियमों को ताक पर रख फैसले किए थे। समिति ने बलात्कार पीड़िता को आरोपी के ही घर भेज दिया था। इस गलत निर्णय की वजह से नाबालिग दोबारा बलात्कार का शिकार हो गई थी। जब यह जानकारी पन्ना पुलिस को लगी तो उसने अपनी गर्दन बचाने आनन-फानन आरोपी के खिलाफ कोतवाली पन्ना मैं दोबारा अपराध कायम कर डायरी जुझारनगर थाना जिला छतरपुर भेज दी। छतरपुर पुलिस ने आरोपी को गिरिफ़्तार कर दुबारा जेल भेजा दिया था।
CWC अध्यक्ष सहित इन पर FIR
बाल कल्याण समिति सहित ग़ैर ज़िम्मेदारों पर मामला दर्ज हुआ है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप जड़िया पिता मनीराम जड़िया निवासी किशोरगंज पन्ना, सदस्य अंजली भदौरिया पति योगेंद्र भदौरिया निवासी सिविल लाइन पन्ना, आशीष बॉस पिता एनएन बॉस निवासी सिविल लाइन पन्ना, सुदीप श्रीवास्तव पिता सरमन लाल श्रीवास्तव निवासी किशोरगंज पन्ना और प्रमोद कुमार सिंह पिता मोहन सिंह निवासी ललार जिला पन्ना के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 17 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं।
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक पर भी मामला दर्ज
इसी मामले में वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक कविता पाण्डेय, काउंसलर प्रियंका सिंह, केस वर्कर शिवानी शर्मा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत अपराध कायम किया गया है। पूरे मामले में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21, एससीएसटी एक्ट की धारा 4, बीएनएस की धारा 199, 239 सहित एक अन्य महिला अंजली कुशवाहा के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 82 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
जनवरी में पहली दफ सामने आया था मामला
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली 15 साल की नाबालिग 16 जनवरी 2025 को स्कूल जाने के लिए घर से निकली फिर लौटी नहीं। परिजनों ने थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग को 17 फरवरी 2025 को गुरुग्राम हरियाणा से बरामद किया था। नाबालिग को भगा ले जाने वाले आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
पीड़िता आरोपी के घर, परिजन कलेक्टर के पास पहुंचे
नाबालिग को बाल कल्याण समिति पन्ना के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति ने अस्थाई आश्रय के लिए वन स्टॉप पन्ना भेज दिया। इसी बीच बाल कल्याण समिति ने 29 मार्च 2025 को नियम विरुद्ध तरीके से नाबालिग बलात्कार पीड़िता को आरोपी के घर भेज दिया। इधर नाबालिग के परिजनों ने बेटी को सुपुर्द करने कलेक्ट्रेट पन्ना जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी ने कई दफा दुष्कर्म किया
कलेक्टर ने शिकायत को संज्ञान में लेकर बाल कल्याण समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने निर्देश दिए। गलत और मनमाने निर्णय का खुलासा न हो, इसलिए नाबालिग को 29 अप्रेल 2025 को दोबारा वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। वहां वन स्टॉप सेंटर की काउंसलिंग में खुलासा हुआ कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म हुआ। खुलासे के बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी। छतरपुर पुलिस सक्रिय हुई। एसपी छतरपुर ने मामले की जांच एडिशनल एसपी की निगरानी में एसडीओपी लवकुशनगर, थाना प्रभारी जुझारनगर को सौंपी।
गलत निर्णय और छिपाने वालों पर एफआईआर
एसडीओपी लवकुशनगर छतरपुर नवीन दूबे ने बताया की नाबालिग बलात्कार पीड़िता को आरोपी के घर भेजने का गलत निर्णय करने वाले और इसे छिपाने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। अभी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है अन्य की तलाश की जा रही है।
जानकारी अनुसार पुलिस ने बाल कल्याण समिति पन्ना के अध्यक्ष, समिति के पांचों सदस्य, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर के तीन कर्मचारी और एक अन्य महिला के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। मामले में बाल कल्याण समिति के एक सदस्य की गिरफ्तारी की जानकारी भी दी जा रही है। जिसमें सीडब्ल्युसी सदस्य आशीष बॉस का नाम सामने आया हे।
नियमों को ताक पर रखकर फैसले लिए
मामले में पुलिस ने जांच में पाया कि नाबालिग से बलात्कार के मामले में बाल कल्याण समिति ने नियमों को ताक पर रख फैसले किए थे। समिति ने बलात्कार पीड़िता को आरोपी के ही घर भेज दिया था। इस गलत निर्णय की वजह से नाबालिग दोबारा बलात्कार का शिकार हो गई थी। जब यह जानकारी पन्ना पुलिस को लगी तो उसने अपनी गर्दन बचाने आनन-फानन आरोपी के खिलाफ कोतवाली पन्ना मैं दोबारा अपराध कायम कर डायरी जुझारनगर थाना जिला छतरपुर भेज दी। छतरपुर पुलिस ने आरोपी को गिरिफ़्तार कर दुबारा जेल भेजा दिया था।
CWC अध्यक्ष सहित इन पर FIR
बाल कल्याण समिति सहित ग़ैर ज़िम्मेदारों पर मामला दर्ज हुआ है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भानुप्रताप जड़िया पिता मनीराम जड़िया निवासी किशोरगंज पन्ना, सदस्य अंजली भदौरिया पति योगेंद्र भदौरिया निवासी सिविल लाइन पन्ना, आशीष बॉस पिता एनएन बॉस निवासी सिविल लाइन पन्ना, सुदीप श्रीवास्तव पिता सरमन लाल श्रीवास्तव निवासी किशोरगंज पन्ना और प्रमोद कुमार सिंह पिता मोहन सिंह निवासी ललार जिला पन्ना के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 17 के तहत मामला दर्ज किया गया हैं।
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक पर भी मामला दर्ज
इसी मामले में वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक कविता पाण्डेय, काउंसलर प्रियंका सिंह, केस वर्कर शिवानी शर्मा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21 के तहत अपराध कायम किया गया है। पूरे मामले में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अवधेश सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21, एससीएसटी एक्ट की धारा 4, बीएनएस की धारा 199, 239 सहित एक अन्य महिला अंजली कुशवाहा के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 82 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
जनवरी में पहली दफ सामने आया था मामला
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार पन्ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली 15 साल की नाबालिग 16 जनवरी 2025 को स्कूल जाने के लिए घर से निकली फिर लौटी नहीं। परिजनों ने थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग को 17 फरवरी 2025 को गुरुग्राम हरियाणा से बरामद किया था। नाबालिग को भगा ले जाने वाले आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
पीड़िता आरोपी के घर, परिजन कलेक्टर के पास पहुंचे
नाबालिग को बाल कल्याण समिति पन्ना के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बाल कल्याण समिति ने अस्थाई आश्रय के लिए वन स्टॉप पन्ना भेज दिया। इसी बीच बाल कल्याण समिति ने 29 मार्च 2025 को नियम विरुद्ध तरीके से नाबालिग बलात्कार पीड़िता को आरोपी के घर भेज दिया। इधर नाबालिग के परिजनों ने बेटी को सुपुर्द करने कलेक्ट्रेट पन्ना जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई।
आरोपी ने कई दफा दुष्कर्म किया
कलेक्टर ने शिकायत को संज्ञान में लेकर बाल कल्याण समिति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने निर्देश दिए। गलत और मनमाने निर्णय का खुलासा न हो, इसलिए नाबालिग को 29 अप्रेल 2025 को दोबारा वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। वहां वन स्टॉप सेंटर की काउंसलिंग में खुलासा हुआ कि उसके साथ कई बार दुष्कर्म हुआ। खुलासे के बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी। छतरपुर पुलिस सक्रिय हुई। एसपी छतरपुर ने मामले की जांच एडिशनल एसपी की निगरानी में एसडीओपी लवकुशनगर, थाना प्रभारी जुझारनगर को सौंपी।
गलत निर्णय और छिपाने वालों पर एफआईआर
एसडीओपी लवकुशनगर छतरपुर नवीन दूबे ने बताया की नाबालिग बलात्कार पीड़िता को आरोपी के घर भेजने का गलत निर्णय करने वाले और इसे छिपाने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। अभी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है अन्य की तलाश की जा रही है।
You may also like
पति के खिलाफ महिला की शिकायत पर डीएम ने लिया सख्त कदम
बिहार में बहू ने ससुर को बेरहमी से मार डाला, इलाके में मचा हड़कंप
अमेरिका में गर्भवती महिलाओं की चिंता: ट्रंप के नागरिकता फैसले का असर
PCOS: युवतियों में बढ़ते मामलों के पीछे के कारण और समाधान
केरल में बिल्ली की हत्या: ट्रक ड्राइवर की क्रूरता से भड़का समाज