नई दिल्ली: रोहिणी जिला न्यायालय ने 8 साल बाद एक जघन्य मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक 16 साल के किशोर को मानसिक रूप से अस्वस्थ 60 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम हत्या करने को लेकर दोषी ठहराया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि वारदात के वक्त आरोपी नाबालिग था, लेकिन कोर्ट ने उसे बालिग मानकर दोषी ठहराया है। अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी, जिसमें सजा का ऐलान किया जाएगा।   
   
घटना फुटपाथ पर रहने वाली बेसहारा महिला के साथ हुई थी
यह घटना फुटपाथ पर रहने वाली एक बेसहारा महिला के साथ हुई थी। आरोपी ने लोहे की रॉड से महिला पर बेरहमी से वार किए थे। महिला के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले थे, इतना ही नहीं उसने क्रूरता की ऐसी सीमा पार कर दी जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। दरअसल, उसने लोहे की रॉड को उसके प्राइवेट पार्ट में घुसा दिया था। वारदात के दिन आरोपी की उम्र 16 साल, 11 महीने और 22 दिन थी।
   
कोर्ट ने आरोपी को दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत दोषी पाया
कोर्ट ने आरोपी को दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत दोषी पाया है। यह फैसला आठ साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आया है। सात नवंबर को होने वाली सुनवाई में आरोपी को सजा सुनाई जाएगी। न्यायाधीश ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कानून के अनुसार, अगर किसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में किसी भी हद तक कोई वस्तु डाली जाती है, तो यह बलात्कार माना जाएगा। उन्होंने कहा कि भले ही सुरक्षा गार्ड की गवाही से लिंग से बलात्कार की पुष्टि न हो, फिर भी मृतक के गुप्तांगों में रॉड डालना बलात्कार माना जाएगा
  
घटना फुटपाथ पर रहने वाली बेसहारा महिला के साथ हुई थी
यह घटना फुटपाथ पर रहने वाली एक बेसहारा महिला के साथ हुई थी। आरोपी ने लोहे की रॉड से महिला पर बेरहमी से वार किए थे। महिला के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले थे, इतना ही नहीं उसने क्रूरता की ऐसी सीमा पार कर दी जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। दरअसल, उसने लोहे की रॉड को उसके प्राइवेट पार्ट में घुसा दिया था। वारदात के दिन आरोपी की उम्र 16 साल, 11 महीने और 22 दिन थी।
कोर्ट ने आरोपी को दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत दोषी पाया
कोर्ट ने आरोपी को दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत दोषी पाया है। यह फैसला आठ साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आया है। सात नवंबर को होने वाली सुनवाई में आरोपी को सजा सुनाई जाएगी। न्यायाधीश ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कानून के अनुसार, अगर किसी महिला की योनि, मूत्रमार्ग या गुदा में किसी भी हद तक कोई वस्तु डाली जाती है, तो यह बलात्कार माना जाएगा। उन्होंने कहा कि भले ही सुरक्षा गार्ड की गवाही से लिंग से बलात्कार की पुष्टि न हो, फिर भी मृतक के गुप्तांगों में रॉड डालना बलात्कार माना जाएगा
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