पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार को 64.46% मतदाताओं की भागीदारी के साथ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि 18 जिलों में मतदान सुचारू रूप से चला और किसी भी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। इस दौरान, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 1,415 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जहां कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने बहिष्कार किया, वहीं चुनाव आयोग ने ईवीएम प्रतिस्थापन की दर में 2020 के मुकाबले कमी आने को एक सकारात्मक संकेत बताया। मतदान की प्रक्रिया की समाप्ति के बाद, सीईओ ने यह भी स्वीकार किया कि कुछ मतदान केंद्रों पर डेटा अपडेट होना अभी भी जारी है, जिसके बाद अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि पहले चरण का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि 45,341 मतदान केंद्रों में से 41,943 केंद्रों के आंकड़े अपडेट कर दिए गए हैं, जिसके अनुसार मतदान प्रतिशत 64.46% रहा। इस चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख मतदाता थे, जिनमें 1 करोड़ 98 लाख पुरुष और 1 करोड़ 76 लाख महिलाएं शामिल थीं। सीईओ ने महिलाओं की बड़ी संख्या में मतदान करने को एक सकारात्मक संकेत बताया। गुंजियाल ने यह भी जानकारी दी कि मतदान के दौरान कुल 143 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका समय पर समाधान कर दिया गया। उन्होंने ब्रह्मपुर (बक्सर), फतुहा और सूर्यगढ़ा (लखीसराय) सहित कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं द्वारा मतदान बहिष्कार की खबरों को स्वीकार किया और कहा कि इन शिकायतों का भी उचित समाधान किया गया।
एमएलसी की शिकायत की पुष्टि नहीं
एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि मतदान केंद्रों के आसपास संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शाम 5 बजे तक 1,415 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो सुरक्षा व्यवस्था की सख्ती को दर्शाता है। एक हाई-प्रोफाइल मामले में, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा द्वारा राजद एमएलसी पर शराब पीने की शिकायत की गई थी। एडीजी ने बताया कि इस मामले की जांच कराई गई, लेकिन राजद नेता के शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई। यह स्पष्टीकरण राजनीतिक आरोपों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को उजागर करता है। सीईओ गुंजियाल ने तकनीकी मोर्चे पर भी एक महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रतिस्थापन की दर 2020 के चुनावों की तुलना में कम रही।
नकद और 8 अवैध हथियार जब्त
मतदान से पहले और मतदान के दौरान, पटना पुलिस ने 'ऑपरेशन जखीरा' के तहत बड़ी कार्रवाई की। पश्चिमी पटना पुलिस ने बीते 24 घंटे में दानापुर, बिहटा और रूपसपुर थाना क्षेत्रों में छापामारी कर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इन अभियुक्तों के पास से पुलिस ने चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से रखे गए ₹25 लाख 75 हजार 200 नकद के साथ ही 8 अवैध हथियार (कट्टा, पिस्टल, राइफल, दोनाली बंदूक) और 33 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। इस कार्रवाई में पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बिहटा के कन्हौली गांव से ललित मोहन राय को गिरफ्तार किया गया, जिसके घर से अकेले ₹10 लाख नकद, हथियार और शराब बरामद हुए। इसी तरह, रूपसपुर से मनोज कुमार रजक को ₹8.50 लाख नकद और शराब के साथ, जबकि भगवतीपुर से इंद्रजीत सिंह को ₹7.25 लाख नकद के साथ गिरफ्तार किया गया।
पुलिस रही चौकस
गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि पुलिस अवैध हथियारों और नकदी के लेन-देन को रोकने के लिए सक्रिय थी, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई मनेर विधानसभा में चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से की जा रही नगदी और हथियारों की सप्लाई को रोकने के लिए की गई थी। कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान उच्च भागीदारी (64.46%) और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण रहा, जहाँ मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग किया और सुरक्षा बलों ने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे अपराधियों पर नकेल कसी।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने पटना में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि पहले चरण का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि 45,341 मतदान केंद्रों में से 41,943 केंद्रों के आंकड़े अपडेट कर दिए गए हैं, जिसके अनुसार मतदान प्रतिशत 64.46% रहा। इस चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख मतदाता थे, जिनमें 1 करोड़ 98 लाख पुरुष और 1 करोड़ 76 लाख महिलाएं शामिल थीं। सीईओ ने महिलाओं की बड़ी संख्या में मतदान करने को एक सकारात्मक संकेत बताया। गुंजियाल ने यह भी जानकारी दी कि मतदान के दौरान कुल 143 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका समय पर समाधान कर दिया गया। उन्होंने ब्रह्मपुर (बक्सर), फतुहा और सूर्यगढ़ा (लखीसराय) सहित कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं द्वारा मतदान बहिष्कार की खबरों को स्वीकार किया और कहा कि इन शिकायतों का भी उचित समाधान किया गया।
एमएलसी की शिकायत की पुष्टि नहीं
एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बताया कि मतदान केंद्रों के आसपास संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में शाम 5 बजे तक 1,415 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो सुरक्षा व्यवस्था की सख्ती को दर्शाता है। एक हाई-प्रोफाइल मामले में, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा द्वारा राजद एमएलसी पर शराब पीने की शिकायत की गई थी। एडीजी ने बताया कि इस मामले की जांच कराई गई, लेकिन राजद नेता के शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई। यह स्पष्टीकरण राजनीतिक आरोपों की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता को उजागर करता है। सीईओ गुंजियाल ने तकनीकी मोर्चे पर भी एक महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) प्रतिस्थापन की दर 2020 के चुनावों की तुलना में कम रही।
नकद और 8 अवैध हथियार जब्त
मतदान से पहले और मतदान के दौरान, पटना पुलिस ने 'ऑपरेशन जखीरा' के तहत बड़ी कार्रवाई की। पश्चिमी पटना पुलिस ने बीते 24 घंटे में दानापुर, बिहटा और रूपसपुर थाना क्षेत्रों में छापामारी कर चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इन अभियुक्तों के पास से पुलिस ने चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से रखे गए ₹25 लाख 75 हजार 200 नकद के साथ ही 8 अवैध हथियार (कट्टा, पिस्टल, राइफल, दोनाली बंदूक) और 33 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। इस कार्रवाई में पटना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बिहटा के कन्हौली गांव से ललित मोहन राय को गिरफ्तार किया गया, जिसके घर से अकेले ₹10 लाख नकद, हथियार और शराब बरामद हुए। इसी तरह, रूपसपुर से मनोज कुमार रजक को ₹8.50 लाख नकद और शराब के साथ, जबकि भगवतीपुर से इंद्रजीत सिंह को ₹7.25 लाख नकद के साथ गिरफ्तार किया गया।
पुलिस रही चौकस
गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि पुलिस अवैध हथियारों और नकदी के लेन-देन को रोकने के लिए सक्रिय थी, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई मनेर विधानसभा में चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से की जा रही नगदी और हथियारों की सप्लाई को रोकने के लिए की गई थी। कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान उच्च भागीदारी (64.46%) और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण रहा, जहाँ मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक अपने मताधिकार का प्रयोग किया और सुरक्षा बलों ने चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे अपराधियों पर नकेल कसी।
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