मुंबई: स्पाइस टू फूड प्रोडक्ट्स (Spice to Food Products) की दक्षिण भारतीय कंपनी ऑर्क्ला इंडिया (Orkla India) का आईपीओ (Initial Public Offering) आज बाजार में हिट कर रहा है। इस आईपीओ के ज़रिए कंपनी 1,668 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। कंपनी ने कल ही एंकर इन्वेस्टर्स से 500 करोड़ रुपये जुटा लिया है। आज से यह बिडिंग के लिए खुल गया है। इसमें परसों यानी 31 अक्टूबर तक निवेश किया जा सकेगा। इस IPO के बाद, कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 90% से घटकर 75% रह जाएगी।
क्या है प्राइस बैंड
यह आईपीओ ऑफर फोर सेल (OFS) है, जिसके जरिए कंपनी 2.28 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है। इससे कंपनी 1665.54 करोड़ रुपये मिलेंगे। चूंकि यह ऑफर फोर सेल है, इसलिए इसके जरिए एक भी नए शेयर नहीं जारी किए जाएंगे। कंपनी ने एक शेयर का प्राइस बैंड 695 से 730 रुपये तय किया है। इस आईपीओ के लिए निवेशकों को कम से कम 20 शेयर और इससे ऊपर 20 शेयर के गुणक में आवेदन करना होगा। रिटेल इन्वेस्टर्स को कम से कम 14,600 रुपये का निवेश करना होगा।
क्या करती है कंपनीयह कंपनी MTR ब्रांड के तहत खाने-पीने के प्रोडक्ट्स बेचती है। साथ ही, 'ईस्टर्न' ब्रांड के नाम से मसालों की एक रेंज और 'रसोई मैजिक' ब्रांड के तहत रेडी-टू-कुक (तुरंत तैयार होने वाले) मसाले के मिक्स भी बेचती है। कंपनी का साउथ इंडिया में एक मजबूत बिज़नेस है। देखा जाए तो दक्षिण भारत ही उसका मूल बाजार है, जहां से उसे 70% रेवेन्यू मिलता है। पिछले तीन सालों में कंपनी के रेवेन्यू (कमाई) और मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, जिन निवेशकों का रिस्क लेने का हौसला ज़्यादा है, वे लंबी अवधि के लिए इस IPO में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
कंपनी के बिज़नेस के बारे मेंऑर्क्ला इंडिया की स्थापना 1996 में हुई थी। यह कंपनी मसाले और रेडी-टू-ईट (खाने के लिए तैयार) फ़ूड प्रोडक्ट्स बेचती है। यह नॉर्वे की लिस्टेड कंपनी ऑर्क्ला एएसए (Orkla ASA) की सहायक कंपनी है। कंपनी 45 देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है। इसका 'ईस्टर्न' ब्रांड पिछले 24 सालों से भारत का सबसे बड़ा ब्रांडेड मसाला एक्सपोर्टर रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 20% हिस्सा एक्सपोर्ट से आता है। हालांकि, कंपनी का अमेरिका में बिज़नेस बहुत छोटा है, जो उसके कुल रेवेन्यू का सिर्फ 4% है। साउथ इंडिया में कंपनी की अच्छी पकड़ है। केरल में उसकी मार्केट शेयर 41.8% है, कर्नाटक में 31.2% है, और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना को मिलाकर 15.2% है। कंपनी के पास नौ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इसके अलावा, यूएई, थाईलैंड और मलेशिया में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग की सुविधाएं भी हैं। इन सभी यूनिट्स की कुल क्षमता 1.8 लाख टन प्रति वर्ष है, लेकिन अभी इनकी क्षमता का केवल 46% ही इस्तेमाल हो रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 65% मसालों से आता है। जैसा कि पहले बताया गया, 20% रेवेन्यू एक्सपोर्ट से और 4% अमेरिका से आता है।
कंपनी का फाइनेंशियलवित्तीय वर्ष 2023-25 के दौरान, कंपनी की कमाई (Revenue) सालाना 5% की दर से बढ़ा और ₹2,394.7 करोड़ तक पहुँच गया। वहीं, डेप्रिसिएशन (मूल्यह्रास) और अमोर्टाइजेशन (ऋणमुक्ति) से पहले का ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) 12.6% की दर से बढ़ा और ₹396.4 करोड़ हो गया। वित्तीय वर्ष 2025 में रेवेन्यू की ग्रोथ थोड़ी धीमी रही, जिसका कारण कुछ मुख्य मसालों की कीमतों में आई कमी थी। हालांकि, EBITDA मार्जिन वित्तीय वर्ष 2023 में 14.4% से सुधरकर वित्तीय वर्ष 2025 में 16.6% हो गया। वित्तीय वर्ष 2023-25 के बीच, टैक्स से पहले का प्रॉफिट (Profit Before Tax) सालाना 17.6% की दर से बढ़ा और ₹355 करोड़ हो गया। लेकिन, नेट प्रॉफिट ₹339.1 करोड़ से घटकर ₹255.7 करोड़ रह गया। ऐसा 'ईस्टर्न कोंडिमेंट्स' के मर्जर (विलय) के कारण हुए डेफ़र्ड टैक्स एडजस्टमेंट्स (स्थगित कर समायोजन) की वजह से हुआ। ऑपरेटिंग कैश फ्लो (संचालन से प्राप्त नकदी) वित्तीय वर्ष 2023 में ₹190.4 करोड़ से सुधरकर वित्तीय वर्ष 2025 में ₹391.7 करोड़ हो गया। जून 2025 की तिमाही में, कंपनी का रेवेन्यू 6% बढ़कर ₹597 करोड़ और नेट प्रॉफिट 10% बढ़कर ₹78.9 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में है।
एंकर निवेशकों ने ₹500 करोड़ का निवेश कियाइस बीच, ऑर्क्ला इंडिया ने अपने IPO के सब्सक्रिप्शन (आवेदन) के लिए खुलने से एक दिन पहले एंकर निवेशकों से लगभग ₹500 करोड़ जुटाए हैं। प्रमुख निवेशकों में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India MF), आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ (Aditya Birla Sun Life MF), एलआईसी एमएफ (LIC MF), बड़ौदा बीएनपी पारिबा एमएफ (Baroda BNP Paribas MF), नोमुरा फंड्स आयरलैंड (Nomura Funds Ireland), गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल (Government Pension Fund Global), जूपिटर इंडिया फंड (Jupiter India Fund), और पाइनब्रिज इंडिया इक्विटी फंड (Pinebridge India Equity Fund) शामिल थे।
क्या है इसका जीएमपीअनलिस्टेड बाजार या ग्रे मार्केट में ऑर्क्ला इंडिा का इस समय जीएमपी (GMP) इस समय 10.55 परसेंट चल रहा है। मतलब कि प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर यानी 730 रुपये को शेयर की कीमत मानी जाए तो बाजार में इसके ऊपर 77 रुपये का प्रीमियम कोट किया जा रहा है।
क्या है प्राइस बैंड
यह आईपीओ ऑफर फोर सेल (OFS) है, जिसके जरिए कंपनी 2.28 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है। इससे कंपनी 1665.54 करोड़ रुपये मिलेंगे। चूंकि यह ऑफर फोर सेल है, इसलिए इसके जरिए एक भी नए शेयर नहीं जारी किए जाएंगे। कंपनी ने एक शेयर का प्राइस बैंड 695 से 730 रुपये तय किया है। इस आईपीओ के लिए निवेशकों को कम से कम 20 शेयर और इससे ऊपर 20 शेयर के गुणक में आवेदन करना होगा। रिटेल इन्वेस्टर्स को कम से कम 14,600 रुपये का निवेश करना होगा।
क्या करती है कंपनीयह कंपनी MTR ब्रांड के तहत खाने-पीने के प्रोडक्ट्स बेचती है। साथ ही, 'ईस्टर्न' ब्रांड के नाम से मसालों की एक रेंज और 'रसोई मैजिक' ब्रांड के तहत रेडी-टू-कुक (तुरंत तैयार होने वाले) मसाले के मिक्स भी बेचती है। कंपनी का साउथ इंडिया में एक मजबूत बिज़नेस है। देखा जाए तो दक्षिण भारत ही उसका मूल बाजार है, जहां से उसे 70% रेवेन्यू मिलता है। पिछले तीन सालों में कंपनी के रेवेन्यू (कमाई) और मुनाफे में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, जिन निवेशकों का रिस्क लेने का हौसला ज़्यादा है, वे लंबी अवधि के लिए इस IPO में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
कंपनी के बिज़नेस के बारे मेंऑर्क्ला इंडिया की स्थापना 1996 में हुई थी। यह कंपनी मसाले और रेडी-टू-ईट (खाने के लिए तैयार) फ़ूड प्रोडक्ट्स बेचती है। यह नॉर्वे की लिस्टेड कंपनी ऑर्क्ला एएसए (Orkla ASA) की सहायक कंपनी है। कंपनी 45 देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है। इसका 'ईस्टर्न' ब्रांड पिछले 24 सालों से भारत का सबसे बड़ा ब्रांडेड मसाला एक्सपोर्टर रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 20% हिस्सा एक्सपोर्ट से आता है। हालांकि, कंपनी का अमेरिका में बिज़नेस बहुत छोटा है, जो उसके कुल रेवेन्यू का सिर्फ 4% है। साउथ इंडिया में कंपनी की अच्छी पकड़ है। केरल में उसकी मार्केट शेयर 41.8% है, कर्नाटक में 31.2% है, और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना को मिलाकर 15.2% है। कंपनी के पास नौ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। इसके अलावा, यूएई, थाईलैंड और मलेशिया में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग की सुविधाएं भी हैं। इन सभी यूनिट्स की कुल क्षमता 1.8 लाख टन प्रति वर्ष है, लेकिन अभी इनकी क्षमता का केवल 46% ही इस्तेमाल हो रहा है। कंपनी के कुल रेवेन्यू का लगभग 65% मसालों से आता है। जैसा कि पहले बताया गया, 20% रेवेन्यू एक्सपोर्ट से और 4% अमेरिका से आता है।
कंपनी का फाइनेंशियलवित्तीय वर्ष 2023-25 के दौरान, कंपनी की कमाई (Revenue) सालाना 5% की दर से बढ़ा और ₹2,394.7 करोड़ तक पहुँच गया। वहीं, डेप्रिसिएशन (मूल्यह्रास) और अमोर्टाइजेशन (ऋणमुक्ति) से पहले का ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) 12.6% की दर से बढ़ा और ₹396.4 करोड़ हो गया। वित्तीय वर्ष 2025 में रेवेन्यू की ग्रोथ थोड़ी धीमी रही, जिसका कारण कुछ मुख्य मसालों की कीमतों में आई कमी थी। हालांकि, EBITDA मार्जिन वित्तीय वर्ष 2023 में 14.4% से सुधरकर वित्तीय वर्ष 2025 में 16.6% हो गया। वित्तीय वर्ष 2023-25 के बीच, टैक्स से पहले का प्रॉफिट (Profit Before Tax) सालाना 17.6% की दर से बढ़ा और ₹355 करोड़ हो गया। लेकिन, नेट प्रॉफिट ₹339.1 करोड़ से घटकर ₹255.7 करोड़ रह गया। ऐसा 'ईस्टर्न कोंडिमेंट्स' के मर्जर (विलय) के कारण हुए डेफ़र्ड टैक्स एडजस्टमेंट्स (स्थगित कर समायोजन) की वजह से हुआ। ऑपरेटिंग कैश फ्लो (संचालन से प्राप्त नकदी) वित्तीय वर्ष 2023 में ₹190.4 करोड़ से सुधरकर वित्तीय वर्ष 2025 में ₹391.7 करोड़ हो गया। जून 2025 की तिमाही में, कंपनी का रेवेन्यू 6% बढ़कर ₹597 करोड़ और नेट प्रॉफिट 10% बढ़कर ₹78.9 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में है।
एंकर निवेशकों ने ₹500 करोड़ का निवेश कियाइस बीच, ऑर्क्ला इंडिया ने अपने IPO के सब्सक्रिप्शन (आवेदन) के लिए खुलने से एक दिन पहले एंकर निवेशकों से लगभग ₹500 करोड़ जुटाए हैं। प्रमुख निवेशकों में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (Nippon India MF), आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ (Aditya Birla Sun Life MF), एलआईसी एमएफ (LIC MF), बड़ौदा बीएनपी पारिबा एमएफ (Baroda BNP Paribas MF), नोमुरा फंड्स आयरलैंड (Nomura Funds Ireland), गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल (Government Pension Fund Global), जूपिटर इंडिया फंड (Jupiter India Fund), और पाइनब्रिज इंडिया इक्विटी फंड (Pinebridge India Equity Fund) शामिल थे।
क्या है इसका जीएमपीअनलिस्टेड बाजार या ग्रे मार्केट में ऑर्क्ला इंडिा का इस समय जीएमपी (GMP) इस समय 10.55 परसेंट चल रहा है। मतलब कि प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर यानी 730 रुपये को शेयर की कीमत मानी जाए तो बाजार में इसके ऊपर 77 रुपये का प्रीमियम कोट किया जा रहा है।
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