नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल को भारत में प्रोडक्शन बंद करने को कहा है। कंपनी चाइना प्लस वन नीति के तहत भारत में आक्रामक तरीके से अपना विस्तार कर रही थी। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर में थोड़ी नरमी आने से ऐपल भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने की योजना पर दोबारा विचार कर रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने अमेरिका के बाजार के लिए भारत में आईफोन बनाने की विशेष योजना को फिलहाल रोक दिया है।रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ऐपल ने पहले से तय की गई योजनाओं को जारी रखने का फैसला किया है। यानी भारत में सामान्य विस्तार और चीन के अलावा दूसरे देशों में उत्पादन बढ़ाने का काम चलता रहेगा। लेकिन अमेरिका के बाजार के लिए आईफोन बनाने की विशेष योजना को फिलहाल रोक दिया गया है। कंपनी का प्लानएक सूत्र ने बताया, 'हम अभी दुनिया भर के राजनीतिक और आर्थिक माहौल को समझना चाहते हैं। खासकर टैरिफ को लेकर क्या नियम बनते हैं, इस पर हमारी नजर है। चीजें बहुत तेजी से बदल रही हैं। अमेरिका सरकार ने टैरिफ को लेकर कई बार अचानक फैसले बदले हैं। चीन के साथ भी ऐसा ही हुआ है, जहां कुछ चीजों पर टैक्स काफी कम कर दिया गया है। इसलिए, हम थोड़ा रुककर यह देखना चाहते हैं कि आगे क्या होता है। अमेरिका को आईफोन सप्लाई करने के लिए भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करने से पहले हम थोड़ा इंतजार करेंगे।'कतर यात्रा पर गए ट्रंप ने ऐपल के सीईओ टिम कुक से कहा कि अमेरिका के बाजार के लिए आईफोन भारत से नहीं मंगवाए जाएं। ट्रंप चाहते हैं कि चीजें अमेरिका में ही बनें। ऐपल ने अमेरिकी सरकार को भरोसा दिलाया है कि वह अगले चार साल में अमेरिका में 500 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसमें ह्यूस्टन में एक नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना भी शामिल है, जहां सर्वर बनाए जाएंगे। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह 2029 तक अमेरिका में 20,000 नई नौकरियां देगी। कुक की परेशानीटैरिफ पर ट्रंप के बार-बार बदलते रवैये ने कुक को भी परेशान कर रखा है। कुक ने हाल ही में कहा था कि भारत अमेरिका को आईफोन सप्लाई करने का मुख्य केंद्र होगा। उनका कहना था कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत में बने होंगे। ट्रंप के नए बयान के बाद भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि ऐपल ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह फॉक्सकॉन और टाटा ग्रुप जैसे मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर के जरिए भारत में निवेश जारी रखेगी।सरकार के सूत्रों के अनुसार ऐपल ने कहा किनिवेश की जो योजनाएं COVID के बाद शुरू हुई थीं, उनमें कोई कमी नहीं आएगी। खासकर PLI योजना के तहत स्मार्टफोन बनाने पर जोर दिया जाएगा। चीन के अलावा दूसरे देशों में उत्पादन बढ़ाने का काम भी जारी रहेगा। सिर्फ अमेरिका को आईफोन सप्लाई करने की योजना पर दोबारा विचार किया जा रहा है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि कंपनियां कई चीजों को ध्यान में रखकर अपने उत्पादन के बारे में फैसले लेती हैं। इनमें कमाई, काम करने की क्षमता और प्रतिस्पर्धा शामिल है। ये सब बिजनस से जुड़े फैसले होते हैं।
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