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भारत की कीमत पर पाकिस्तान से 'प्यार' नहीं, ट्रंप के सिपहसालार ने उड़ा दिए मियां मुनीर-शहबाज के होश!

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आखिर चाहते क्या हैं? कभी तो वो भारत से टकराव के मूड में नजर आते हैं। हैवी टैरिफ लगाकर मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। इतना ही नहीं वो आतंक के गढ़ माने जाने वाले पाकिस्तान से गलबहियां करने से भी नहीं हिचकते। इन घटनाक्रम से भारत और अमेरिका में तनाव चरम पर नजर आता है। हालांकि, अब यूएस प्रशासन ने अपनी रणनीति बदली है। पाकिस्तान से करीबी के बावजूद वो भारत से 'प्यार' नहीं छोड़ना चाह रहा। यही वजह है कि ट्रंप के करीबी ने ऐसा कमेंट किया, जिससे पाकिस्तान के पीएम शहबाज और सेना प्रमुख असीम मुनीर को मिर्ची जरूर लगेगी।

अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो ने क्या कहा
हम बात कर रहे अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की, जिन्होंने दो टूक कहा कि उनका देश पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने का इच्छुक तो है, लेकिन यह भारत के साथ उसके ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संबंधों की कीमत पर नहीं होगा। रुबियो ने कुआलालांपुर में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ निर्धारित बैठक से पहले रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली ने पहले ही कच्चे तेल की खरीद में विविधता लाने की इच्छा व्यक्त की है।


पाकिस्तान से रिश्तों पर सवाल तो यूएस का सधा जवाब

रुबियो ने पाकिस्तान के साथ अमेरिका के संबंधों के बारे में पूछे गए सवाल पर ये जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत स्पष्ट कारणों से चिंतित है। लेकिन, मुझे लगता है कि भारत को यह समझना होगा कि हमें कई अलग-अलग देशों के साथ संबंध रखने हैं। हम पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने का अवसर देख रहे हैं। मुझे लगता है कि कूटनीति और उस तरह की चीजों के मामले में भारतीय बहुत परिपक्व हैं। उनके कुछ ऐसे देशों के साथ रिश्ते हैं जिनके साथ हमारे भी रिश्ते नहीं हैं।

दो नाव पर सवारी कर रहा अमेरिका?
रुबियो का ये बयान इसलिए अहम माना जा रहा क्योंकि ट्रंप ने जब से दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभाला है भारत को लेकर उनके फैसले चौंकाने वाले रहे हैं। उन्होंने भारत पर पहले 25 फीसदी का टैरिफ लगाया, फिर रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर 25 फीसदी का टैरिफ और बढ़ा दिया। जहां ट्रंप ने भारत पर सख्ती दिखाई, वहीं पाकिस्तान से ट्रेड डील समेत कई ऐसे फैसले लिए जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि यूएस प्रशासन चाहता क्या है।

रुबियो के बयान से पड़ोसी मुल्क में हड़कंपभारत और पाकिस्तान में कैसे रिश्ते हैं ये किसी से छिपा नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जिस तरह से दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष हुआ और पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी उसके बाद पड़ोसी मुल्क के होश उड़े हुए हैं। ऐसे में वो कभी अमेरिका तो कभी चीन और सऊदी अरब समेत दूसरे देशों का रुख कर रहा। पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अब तक कई बार यूएस का दौरा कर चुके हैं। दोनों देशों की बढ़ती करीबी के बीच यूएस विदेश मंत्री रुबियो का बयान अहम है।

भारत से तनाव करने के लिए अमेरिका का दांव
अमेरिकी विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा कि मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के साथ हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह भारत के साथ हमारे संबंधों या मित्रता की कीमत पर है। भारत के साथ रिश्ते गहरे, ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं। बीते छह महीनों में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में घनिष्ठता देखी गई है, खासकर मई में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ बैठक के बाद।

ट्रंप क्यों हुए थे भारत से नाराज, अब बदल रहे रिश्ते
भारत ने ट्रंप के बार-बार के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता की। पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त कराने का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया है। हालांकि, भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। वहीं जब रुबियो से सवाल किया गया कि भारत, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए रूसी तेल की खरीद को वास्तव में टालने को तैयार होगा?

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही अपनी तेल खरीद में विविधता लाने में रुचि व्यक्त की है। इसलिए, जाहिर है कि हम उन्हें जितना ज्यादा बेचेंगे, वे किसी और से उतना ही कम खरीदेंगे। लेकिन, हम देखेंगे कि इस सब पर क्या निष्कर्ष निकलता है।

रूस से तेल खरीद पर भारत के फैसले का इंतजार
अमेरिका ने पिछले सप्ताह दो रूसी तेल निर्यातक कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस कदम से भारतीय तेल शोधन कंपनियों के रूसी कच्चा तेल खरीदने से हतोत्साहित होने की आशंका है। रुबियो ने भारत के संदर्भ में अमेरिका की नए एक्शन पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि दोनों पक्षों के बीच व्यापक व्यापार मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा हमारे सहयोगी और मित्र रहेंगे।

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