देहरादून: उत्तराखंड सरकार और एफएसएसएआई (FSSAI) मिलकर चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं। यात्रा मार्ग पर स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों को कम नमक, चीनी और तेल वाले भोजन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य डायबटिज, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों वाले व्यक्तियों की खान-पान संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। यह पहल एफएसएसएआई के राष्ट्रीय कार्यक्रम 'ईट राइट इंडिया' का हिस्सा है।ईट राइट इंडिया का लक्ष्य सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य वातावरण को बढ़ावा देकर गैर-संचारी रोगों से मुकाबला करना है। इसके लिए 'आज से थोड़ा कम' अभियान भी शुरू किया गया है, जो लोगों को कम नमक, चीनी और तेल का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।उत्तराखंड सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) चार धाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यात्रा मार्ग पर स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों को कम नमक, चीनी और तेल वाले भोजन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभियान का क्या है उद्देश्य?उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मार्च 2025 में 'आज से थोड़ा कम' अभियान शुरू किया गया। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान से प्रेरित है।इसका उद्देश्य नमक, चीनी और तेल का सेवन कम करने को बढ़ावा देना है। 'आज से थोड़ा कम' अभियान का लक्ष्य खाद्य पदार्थों के सेवन में खाद्य विक्रेताओं को स्वस्थ भोजन परोसने के लिए संवेदनशील बनाना और लोगों को अत्यधिक नमक, चीनी और तेल के सेवन के जोखिमों के बारे में सिखाना और बताना है। ग्रीन चार धाम यात्रा को बढ़ावा देना शामिलवहीं चार धाम मार्ग पर भोजनालयों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। इन गतिविधियों में फ्रंटलाइन कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना, प्रशिक्षण को अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करना और न्यूनतम सिंगल प्लास्टिक उपयोग और स्वस्थ भोजन के साथ ग्रीन चार धाम यात्रा को बढ़ावा देना शामिल है।खाद्य विक्रेताओं को स्वस्थ भोजन तैयार करने में मदद करने के लिए मानक रेसिपी कार्ड और आहार संबंधी दिशानिर्देश प्रदान किए जा रहे हैं। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुरक्षा पहल लागू की हैं। उत्तराखंड सरकार और FSSAI की पहलइन पहलों में हेल्थ एंड टूरिज्म ऐप पर पंजीकरण, मेडिकल स्क्रीनिंग कि योस्क, योग बहुभाषी स्वास्थ्य सलाह शामिल हैं। तीर्थयात्रियों को डॉक्टरों से परामर्श करने और निर्धारित दवाएं ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस स्वास्थ्य पहल में उत्तराखंड सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) सहयोग कर रहे हैं।इन पहलों का अपेक्षित परिणाम जनता में हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह की घटनाओं में कमी और चार धाम यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ तीर्थयात्रा अनुभव है। तीर्थयात्रियों के लिए कई भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह जारी की जा रही है। 236 प्रतिभागियों को विभिन्न स्टेशनों जैसे टिहरी, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, उत्तरकाशी और चंबा में प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य और पर्यटन ऐप पर पंजीकरण, मेडिकल स्क्रीनिंग कियोस्क और डॉक्टरों से परामर्श करने और निर्धारित दवाएं ले जाने के लिए प्रोत्साहन जैसी अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा पहलें की जा रही हैं।
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