नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में इस बात की पुष्टि कर दी कि ऑपरेशन महादेव के तहत सोमवार को श्रीनगर के पास सुरक्षा बलों ने जिन तीनों पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर किया,वे तीनों पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार थे। सोमवार को इस कार्रवाई में भारतीय सेना के विशिष्ट पैरा कमांडो ने एक साझा अभियान में यह कामयाबी हासिल की। इस ऑपरेशन में सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस भी शामिल थी। अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि तीन महीनों से ज्यादा समय तक सुरक्षा बलों को चकमा देने वाले 26 बेगुनाह नागरिकों की हत्या के जिम्मेदार आतंकियों को सुरक्षा बलों ने आखिर कैसे ट्रैक किया।
चाइनीज कम्युनिकेश डिवाइस दे गए धोखा!
सोमवार को श्रीनगर के पास पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT)से जुड़े जिन तीन आतंकियों को ढेर किया गया, उनमें सुलेमान उर्फ आसिफ यानी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी शामिल था। इसके अलावा यासिर और अबू हमजा भी मारे गए। ये तीनों ही आतंकवादी पाकिस्तानी थे। अब कुछ रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनके अनुसार दो दिन पहले ही चाइनीज कम्युनिकेश डिवाइस ऑन किए गए थे, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों को श्रीनगर के पास दाचीगाम जंगलों में छिपे आतंकियों को ट्रैक करने में मदद मिली। भारत ने 2020 के जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में चीनी पीपुल्स लिब्रिशेन आर्मी (PLA) के साथ भारतीय सेना के हिंसक संघर्ष के बाद चाइनीज एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
'अल्ट्रा सेट' से संवाद कर रहे थे आतंकवादी
रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों के इस अभियान की शुरुआत 14 दिन पहले कुछ इंटेलिजेंस इनपुट से हुई थी, जिसमें सबसे पहले 11 जुलाई को पहलगाम के बैसरन घाटी इलाके में एक चाइनीज सैटेलाइट फोन का पता लगा था। सुरक्षा बलों को तभी भनक लगी कि चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन एक्टिव है। टाइम्स नाउ के मुताबिक आतंकवादियों ने 'अल्ट्रा सेट' नाम के एक अत्यधिक एन्क्रिप्टेड चीनी कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल किया था। ये खास चाइनीज हैंडसेट चीनी कंपनियों ने विशेष रूप से पाकिस्तानी सेना के लिए तैयार किए हैं।
'अल्ट्रा सेट'संचार उपकरण क्या होते हैं
ये चाइनीज संचार उपकरण संवाद के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करते हैं। प्रत्येक 'अल्ट्रा सेट'सीमा पार मौजूद एक कंट्रोल सिस्टम से जुड़ा होता है। ऐसा कहा जाता है कि दो 'अल्ट्रा सेट' आपस में संवाद नहीं कर सकते। अल्ट्रा सेट हैंडसेट में सेल-फोन की क्षमताओं को विशेष रेडियो उपकरणों के साथ जोड़ा जाता है, जो ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) या कोड-डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (सीडीएमए) जैसी पारंपरिक मोबाइल प्रौद्योगिकियों पर निर्भर नहीं रहता है।
पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए चीनी डिवाइस
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान चली गई थी। आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर मारा था। तब पता चला था कि चीन की प्रतिबंधित हुआवे सैटेलाइट फोन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्स सहित अन्य चीनी संचार उपकरणों के कारण विदेशी आतंकवादियों को सीमा पार अपने आकाओं से संपर्क बनाए रखने और पकड़े जाने से बचने में मदद मिली थी।
चाइनीज कम्युनिकेश डिवाइस दे गए धोखा!
सोमवार को श्रीनगर के पास पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT)से जुड़े जिन तीन आतंकियों को ढेर किया गया, उनमें सुलेमान उर्फ आसिफ यानी 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी शामिल था। इसके अलावा यासिर और अबू हमजा भी मारे गए। ये तीनों ही आतंकवादी पाकिस्तानी थे। अब कुछ रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनके अनुसार दो दिन पहले ही चाइनीज कम्युनिकेश डिवाइस ऑन किए गए थे, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों को श्रीनगर के पास दाचीगाम जंगलों में छिपे आतंकियों को ट्रैक करने में मदद मिली। भारत ने 2020 के जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में चीनी पीपुल्स लिब्रिशेन आर्मी (PLA) के साथ भारतीय सेना के हिंसक संघर्ष के बाद चाइनीज एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
'अल्ट्रा सेट' से संवाद कर रहे थे आतंकवादी
रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों के इस अभियान की शुरुआत 14 दिन पहले कुछ इंटेलिजेंस इनपुट से हुई थी, जिसमें सबसे पहले 11 जुलाई को पहलगाम के बैसरन घाटी इलाके में एक चाइनीज सैटेलाइट फोन का पता लगा था। सुरक्षा बलों को तभी भनक लगी कि चाइनीज अल्ट्रा रेडियो कम्युनिकेशन एक्टिव है। टाइम्स नाउ के मुताबिक आतंकवादियों ने 'अल्ट्रा सेट' नाम के एक अत्यधिक एन्क्रिप्टेड चीनी कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल किया था। ये खास चाइनीज हैंडसेट चीनी कंपनियों ने विशेष रूप से पाकिस्तानी सेना के लिए तैयार किए हैं।
'अल्ट्रा सेट'संचार उपकरण क्या होते हैं
ये चाइनीज संचार उपकरण संवाद के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करते हैं। प्रत्येक 'अल्ट्रा सेट'सीमा पार मौजूद एक कंट्रोल सिस्टम से जुड़ा होता है। ऐसा कहा जाता है कि दो 'अल्ट्रा सेट' आपस में संवाद नहीं कर सकते। अल्ट्रा सेट हैंडसेट में सेल-फोन की क्षमताओं को विशेष रेडियो उपकरणों के साथ जोड़ा जाता है, जो ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) या कोड-डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (सीडीएमए) जैसी पारंपरिक मोबाइल प्रौद्योगिकियों पर निर्भर नहीं रहता है।
पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुए चीनी डिवाइस
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान चली गई थी। आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर मारा था। तब पता चला था कि चीन की प्रतिबंधित हुआवे सैटेलाइट फोन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग एप्स सहित अन्य चीनी संचार उपकरणों के कारण विदेशी आतंकवादियों को सीमा पार अपने आकाओं से संपर्क बनाए रखने और पकड़े जाने से बचने में मदद मिली थी।
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