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एक्टर नेहा शर्मा की स्टार पावर क्या भागलपुर में पिता अजीत शर्मा को दिला पाएगी जीत? जानिए पिछले चुनाव का प्रदर्शन

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भागलपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार में बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा शर्मा ने अपने ग्लैमरस अंदाज़ से सुर्खियां बटोरी हैं। अपनी इंस्टाग्राम रील में, नेहा ने भागलपुर में एक खुली जीप में पिता और कांग्रेस उम्मीदवार अजीत शर्मा के साथ जोशीली भीड़ को संबोधित करते हुए प्रचार किया। कुछ समर्थकों ने उन्हें कांग्रेस के लिए 'ब्रह्मास्त्र' और 'हुकुम का इक्का' तक कह डाला। हालांकि, अजीत शर्मा के पिछले चुनावों के बेहद कम अंतर से मिली जीत और करारी हार के इतिहास को देखते हुए यह सवाल बना हुआ है कि क्या नेहा की स्टार पावर वास्तव में उनके पिता के लिए वोट में बदल पाएगी?


चुनाव आया, तो नेहा आ गईं!

एक्टर नेहा शर्मा ने बॉलीवुड मे कई फिल्में की हैं। उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर 20 मिलियन फॉलोअर्स हैं। बिहार में जब भी कोई चुनाव होता है तो नेहा शर्मा अपने पिता अजीत शर्मा के लिए भागलपुर सीट पर प्रचार करने आती रही हैं।, लेकिन इसका असर मिला-जुला रहा है।

2024 लोकसभा चुनाव के दौरान नेहा शर्मा ने भागलपुर की सड़कों पर खुली जीप में प्रचार किया था। हालांकि, जनता की प्रतिक्रियाएं कुछ ऐसी थीं, 'चुनाव हैं, तो ये आ गई हैं..', इस ग्लैमरस प्रचार का कोई खास फायदा नहीं हुआ, और अजीत शर्मा, जेडीयू के उम्मीदवार से एक लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हार गए।


बिहार चुनाव में भी नेहा शर्मा ने किया पिता के लिए प्रचारबिहार में इस साल के विधानसभा चुनाव 2025 के आते ही नेहा शर्मा का इंस्टाग्राम फिर से भागलपुर की रील से गुलजार हो गया। 'भागलपुर की बेटी' ने लाल महिंद्रा थार में घूमते हुए, मतदाताओं के साथ सेल्फी लेते हुए प्रचार किया। लेकिन इस बार भी स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं 2024 जैसी ही थीं। एक व्यक्ति ने टिप्पणी की, 'मैं ज्योतिषी नहीं हूं, लेकिन मैं भविष्यवाणी कर सकता हूं कि आप अगली बार 2029 में भागलपुर वापस आएंगी। इसके पहले नहीं।'

पिछली जीत का गणित और लोकसभा की हार
भागलपुर विधानसभा सीट पर अजीत शर्मा का सफर बेहद कठिन रहा है। दशकों तक भाजपा के दिग्गज अश्विनी कुमार चौबे से लगातार हारने के बाद, उन्होंने 2014 के उपचुनाव में पहली बार यह सीट जीती थी। इसके बाद 2020 विधानसभा के नतीजे बताते हैं कि अजीत शर्मा की जीत कितनी मामूली थी। उन्होंने भाजपा के रोहित पांडे को सिर्फ 1,113 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया था। यह कुल वोटों का 0.7% से भी कम था। इस जीत में चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा की नीलम देवी ने 20,000 से अधिक वोट हासिल किए, जिससे NDA के वोटों में सेंध लगी और अजीत शर्मा को बहुकोणीय मुकाबले में बढ़त मिली। लोजपा के वाइल्डकार्ड के बिना, भाजपा शायद यह सीट जीत जाती।

2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन JDU के अजय कुमार मंडल से 1 लाख 6646 वोटों के बड़े अंतर से हार गए।


अब 14 नवंबर के लिए टिकी निगाहें
लोकसभा चुनाव में करारी हार के एक साल बाद, अजीत शर्मा अब भागलपुर की विधानसभा सीट को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अब उनकी महिंद्रा थार एक बार फिर बेटी नेहा के साथ भागलपुर की सड़कों पर दौड़ी है, और उनका भाग्य 14 नवंबर के नतीजों पर टिका है।

नेहा शर्मा की स्टार पावर निश्चित रूप से भीड़ खींचने वाली और इंस्टाग्राम के लिए एकदम सही है, लेकिन क्या मतदाता इससे प्रभावित होंगे? अजीत शर्मा की 2020 की मामूली जीत और 2024 की करारी हार यह संकेत देती है कि उनके लिए भीड़ का वोट में बदलना मुश्किल हो सकता है।
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