यूट्यूब ने बताया है कि उसने म्यूजिक इंडस्ट्री को 1 साल में 8 अरब डॉलर से ज्यादा का भुगतान किया है। यह यूट्यूब के पिछले सभी भुगतानों से कहीं ज्यादा है। सब्सक्रिप्शन मॉडल और विज्ञापन से यूट्यूब पर चांदी बरस रही है। उसने बताया है कि दोनों ही तरीके अच्छा काम कर रहे हैं, जिसका फायदा उसने म्यूजिक इंडस्ट्री को पहुंचाया है। यूट्यूब ने साल 2022 में म्यूजिक इंडस्ट्री को 6 अरब डॉलर दिए थे। 2021 में 4 अरब डॉलर का पेमेंट किया था। अब जुलाई 2024 से जुलाई 2025 के बीच किए गए 8 अरब डॉलर के पेमेंट ने पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। यूट्यूब के ग्लोबल हेड ऑफ म्यूजिक, ल्योर कोहेन का कहना है कि वह हर आर्टिस्ट, गीतकार और पब्लिशर के लिए अच्छा मंच तैयार करना चाहते हैं।
सब्सक्रिप्शन मॉडल कर गया काम यूट्यूब को सब्सक्रिप्शन और विज्ञापन मॉडलों से अच्छी कमाई हो रही है। जानकारी के अनुसार, यूट्यूब के पास दुनियाभर में 12.5 करोड़ से ज्यादा म्यूजिक और प्रीमियम सब्सक्राइबर हैं। इसमें ट्रायल यूजर्स की संख्या भी शामिल है। हर महीने 2 अरब लोग यूट्यूब पर म्यूजिक वीडियो देखते हैं। इसका सीधा फायदा यूट्यूब को हो रहा है, जिसे वह म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ शेयर करता है।
सारा पैसा नहीं मिलता गाने वाले को बहुत से लोग कन्फ्यूज होते हैं कि अगर यूट्यूब म्यूजिक इंडस्ट्री को पैसा देता है तो वो सारा गाने वाले को मिलता होगा। यह पैसा सीधे कलाकारों को नहीं जाता। एक हिस्सा रिकॉर्ड लेबल यानी भारत में टीसीरीज, सारेगामा, पब्लिशर, गीतकार और अन्य लोगों को जाता है।
80 भाषाओं में सपोर्ट यूट्यूब दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है और 80 भाषाओं को सपोर्ट करता है। यूट्यूब ने पिछले महीने ही जानकारी देते हुए बताया था कि उसने चार साल में क्रिएटर्स, ऐक्टर्स और मीडिया कंपनियों को 100 अरब डॉलर से ज्यादा का पेमेंट किया है। एक ब्लॉग पोस्ट में यूट्यूब के लिखा गया है कि जैसे-जैसे प्लेटफॉर्म का विस्तार हो रहा है, यूट्यूब पर संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।
दूसरे प्लेटफॉर्म भी करते हैं भुगतान यूट्यूब अकेला प्लेटफॉर्म नहीं है जो म्यूजिक इंडस्ट्री को पेमेंट करता है। स्पॉटिफाई जैसे अन्य ऐप भी ऐसा करते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, स्पॉटिफाई ने साल 2023 में 9 अरब डॉलर का पेमेंट किया था। वहीं, यूट्यूब के पास यूट्यूब प्रीमियम का सब्सक्रिप्शन है। वह यूट्यूब म्यूजिक का सब्सक्रिप्शन भी ऑफर करता है, जिसमें बिना ऐड सुने या देखे और म्यूजिक सुन पाते हैं।
सब्सक्रिप्शन मॉडल कर गया काम यूट्यूब को सब्सक्रिप्शन और विज्ञापन मॉडलों से अच्छी कमाई हो रही है। जानकारी के अनुसार, यूट्यूब के पास दुनियाभर में 12.5 करोड़ से ज्यादा म्यूजिक और प्रीमियम सब्सक्राइबर हैं। इसमें ट्रायल यूजर्स की संख्या भी शामिल है। हर महीने 2 अरब लोग यूट्यूब पर म्यूजिक वीडियो देखते हैं। इसका सीधा फायदा यूट्यूब को हो रहा है, जिसे वह म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ शेयर करता है।
सारा पैसा नहीं मिलता गाने वाले को बहुत से लोग कन्फ्यूज होते हैं कि अगर यूट्यूब म्यूजिक इंडस्ट्री को पैसा देता है तो वो सारा गाने वाले को मिलता होगा। यह पैसा सीधे कलाकारों को नहीं जाता। एक हिस्सा रिकॉर्ड लेबल यानी भारत में टीसीरीज, सारेगामा, पब्लिशर, गीतकार और अन्य लोगों को जाता है।
80 भाषाओं में सपोर्ट यूट्यूब दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में उपलब्ध है और 80 भाषाओं को सपोर्ट करता है। यूट्यूब ने पिछले महीने ही जानकारी देते हुए बताया था कि उसने चार साल में क्रिएटर्स, ऐक्टर्स और मीडिया कंपनियों को 100 अरब डॉलर से ज्यादा का पेमेंट किया है। एक ब्लॉग पोस्ट में यूट्यूब के लिखा गया है कि जैसे-जैसे प्लेटफॉर्म का विस्तार हो रहा है, यूट्यूब पर संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।
दूसरे प्लेटफॉर्म भी करते हैं भुगतान यूट्यूब अकेला प्लेटफॉर्म नहीं है जो म्यूजिक इंडस्ट्री को पेमेंट करता है। स्पॉटिफाई जैसे अन्य ऐप भी ऐसा करते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, स्पॉटिफाई ने साल 2023 में 9 अरब डॉलर का पेमेंट किया था। वहीं, यूट्यूब के पास यूट्यूब प्रीमियम का सब्सक्रिप्शन है। वह यूट्यूब म्यूजिक का सब्सक्रिप्शन भी ऑफर करता है, जिसमें बिना ऐड सुने या देखे और म्यूजिक सुन पाते हैं।
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