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Vijay Rally Stampede: 'तमिलनाडु भगदड़ में हुई मौतों की CBI जांच हो', मद्रास हाईकोर्ट पहुंची एक्टर विजय की पार्टी TVK, खिलाफ में किसने दी याचिका?

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चेन्नै: अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) ने करूर में हुई भगदड़ की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस भगदड़ में 40 लोगों की मौत हो गई थी। उधर, भगदड़ में घायल एक व्यक्ति ने रविवार को मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया कि डीजीपी को निर्देश दिया जाए कि वह घटना की जांच होने तक टीवीके और उसके नेता विजय को कोई सार्वजनिक बैठक, रैली या राजनीतिक सभा आयोजित करने की अनुमति न दें।



टीवीके ने जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट का किया रुख

टीवीके के उप महासचिव सीटीआर निर्मल कुमार ने रविवार को कहा कि पार्टी की याचिका को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के सामने सोमवार को दोपहर 2.15 बजे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। निर्मल कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि करूर त्रासदी की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग वाली हमारी याचिका पर 29 सितंबर को दोपहर में मदुरै पीठ के समक्ष सुनवाई होगी। इससे पहले निर्मल कुमार के नेतृत्व में टीवीके वकीलों की एक टीम ने जस्टिस एम. धंदापानी के घर का दौरा किया और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप का आग्रह किया।



अदालत से स्वतंत्र जांच का निर्देश देने का अनुरोध


टीम ने घटना की गंभीरता और भीड़ प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था में जवाबदेही की आवश्यकता का हवाला देते हुए अदालत से स्वतंत्र जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया। यह भगदड़ शनिवार देर शाम करूर के वेलुसामीपुरम में विजय की जनसंपर्क रैली के दौरान हुई। आधी रात को करूर पहुंचे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि ऐसी त्रासदी फिर कभी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि रिटायर जस्टिस अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में न्यायिक आयोग इस घटना की गहन जांच करेगा। सीएम स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की।



भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल की उचित अनदेखी


विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने घायलों से मुलाकात की और राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल की उचित अनदेखी की गई। यह एक मानव निर्मित आपदा है। उन्होंने सरकार से जवाबदेही तय करने का आग्रह किया। वहीं, 40 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम पूरा होने और उन्हें उनके परिजनों को सौंपने के बाद जांच आयोग की प्रमुख अरुणा जगदीशन वर्तमान में करूर में उस जगह का निरीक्षण कर रही हैं, जहां टीवीके का अभियान चल रहा था।



बिजली कटौती और एम्बुलेंस की कमी जैसी शिकायतें


निरीक्षण के दौरान करूर के स्थानीय निवासियों ने जांच आयोग के अधिकारी से शिकायत की कि आयोजकों ने यह जानते हुए भी कि बड़ी भीड़ इकट्ठा होगी, पर्याप्त जगह या सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई। अधिकारी ने जनता द्वारा उठाई गई शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना। जनता ने कुछ और मुद्दे भी उठाए, जिनमें बिजली कटौती और एम्बुलेंस की कमी जैसी शिकायतें शामिल थीं। अधिकारी अरुणा ने कहा कि इन मामलों की आगे जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।



करूर भगदड़ पीड़ित ने मद्रास हाईकोर्ट में दी याचिका

उधर, शनिवार को हुई भगदड़ में घायल एक व्यक्ति ने रविवार को मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया कि तमिलनाडु के डीजीपी को शनिवार की घटना की पूरी जांच होने, जिम्मेदारी तय होने और प्रभावी सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित होने तक पार्टी नेता को कोई और सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति न देने का निर्देश दिया जाए। अपनी याचिका में सेंथिलकन्नन ने टीवीके की ओर से दायर उस याचिका में खुद को एक पक्ष के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया, जिसमें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह राज्य भर के सभी अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे नौ सितंबर, 2025 को याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व के आधार पर 20 सितंबर और 20 दिसंबर, 2025 के बीच तमिलनाडु में विजय के नेतृत्व में राजनीतिक अभियान चलाने के लिए आवश्यक अनुमति पर विचार करें और प्रदान करें।



त्रासदी महज एक दुर्घटना नहीं

सेंथिलकन्नन ने अपनी याचिका में कहा कि यह त्रासदी महज एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि योजना बनाने में लापरवाही, घोर कुप्रबंधन और जनता की सुरक्षा की पूरी तरह अनदेखी का सीधा नतीजा थी। याचिका में कहा गया कि आयोजकों ने बिना किसी रोक-टोक के भीड़ को इकट्ठा होने दिया, पर्याप्त बैरिकेड नहीं लगाए और प्रचार वाहन को इस तरह से खड़ा किया जिससे भीड़ का खतरनाक रूप से उमड़ना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब करूर हादसे की जांच जारी है, टीवीके और इसके संस्थापक-नेता विजय को और रैलियां करने की अनुमति देना अनगिनत अन्य लोगों के जीवन को खतरे में डालने के समान होगा।

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